ETV Bharat / state

वामदलों ने कन्हैया कुमार के लिए भरा दम, तो बेगूसराय में BJP के कई नामों पर चर्चा हुई गर्म

बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाहें जमी हैं. दिवंगत बीजेपी सांसद भोला सिंह के बाद इस सीट पर कन्हैया कुमार की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है. इसको लेकर बीजेपी में चिंता की लकीरें बनना लाजमी है.

author img

By

Published : Mar 13, 2019, 6:47 PM IST

Updated : Mar 13, 2019, 8:42 PM IST

कन्हैया कुमार

बेगूसराय: लोकसभा सीट पर वामदलों ने जेनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा कर दी है. इसके बाद यहां की सियासत गर्म हो गयी है. कन्हैया के सामने किसे खड़ा किया जाए, इस पर एनडीए गठबंधन में माथापच्ची तेज हो गई है.

दिवंगत बीजेपी सांसद भोला सिंह की मृत्यु के बाद बेगूसराय संसदीय सीट पर वामदलों ने कन्हैया कुमार को सांसद बनाने का बिगुल फूंक दिया है. वहीं, एनडीए में कन्हैया को टक्कर देने के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी उठा पटक मची हुई है और हर रोज नए नाम हवा में तैर रहे हैं.

जानकारी देते विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता

इन नामों पर चर्चा तेज
एनडीए गठबंधन से गिरिराज सिंह, विधान पार्षद रजनीश कुमार और राकेश सिन्हा के नाम पर चर्चा तेज है. दरअसल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. वहीं, वामदलों ने प्रेशर की इस घड़ी में कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाने का निर्णय ले लिया है.

महागठबंधन को नामंजूरजाति फैक्टर प्रबल
वहीं, कन्हैया कुमार के नाम को लेकर तैयारियां तेज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि भूमिहार जाति के कारण कन्हैया कुमार को इस जाति का समर्थन मिल सकता है. वहीं, बीजेपी के कार्यकर्ता अभिरंजन कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने की बात को नजरअंदाज कर रहे हैं. उनका भी मानना है कि बेगूसराय में जातीय समीकरण ज्यादा मायने रखता है.

ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन के साथी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस कन्हैया कुमार का यहां से प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं. गौरतलब हो कि बेगूसराय जिले को वाम दलों की सांगठनिक क्षमता के अनुसार मिनी मास्को की संज्ञा दी गई है और इस लाल जमीन पर संघर्ष कर वाम दल के कई चेहरे सत्ता के शीर्ष तक पहुंच चुके हैं.

कन्हैया की राजनीतिक पारी
वहीं, इसी लाल जमीन पर कन्हैया कुमार भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को सींचने में लगे हैं. जब से वाम दलों ने कन्हैया के नाम की घोषणा की है, तब से जिला मुख्यालय स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में गतिविधियां तेज हो गई हैं. रात-दिन कार्यकर्ता बूथ लेवल पर अपने संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.

क्या कहते हैं भकपा नेता
इस बाबत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह बताते हैं कि कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाकर वामदल ने कोई गलती नहीं की है. पूरा महागठबंधन एक साथ होकर कन्हैया को चुनाव जिताने में सहयोग करेगा.

बेगूसराय: लोकसभा सीट पर वामदलों ने जेनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा कर दी है. इसके बाद यहां की सियासत गर्म हो गयी है. कन्हैया के सामने किसे खड़ा किया जाए, इस पर एनडीए गठबंधन में माथापच्ची तेज हो गई है.

दिवंगत बीजेपी सांसद भोला सिंह की मृत्यु के बाद बेगूसराय संसदीय सीट पर वामदलों ने कन्हैया कुमार को सांसद बनाने का बिगुल फूंक दिया है. वहीं, एनडीए में कन्हैया को टक्कर देने के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी उठा पटक मची हुई है और हर रोज नए नाम हवा में तैर रहे हैं.

जानकारी देते विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता

इन नामों पर चर्चा तेज
एनडीए गठबंधन से गिरिराज सिंह, विधान पार्षद रजनीश कुमार और राकेश सिन्हा के नाम पर चर्चा तेज है. दरअसल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. वहीं, वामदलों ने प्रेशर की इस घड़ी में कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाने का निर्णय ले लिया है.

महागठबंधन को नामंजूरजाति फैक्टर प्रबल
वहीं, कन्हैया कुमार के नाम को लेकर तैयारियां तेज हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि भूमिहार जाति के कारण कन्हैया कुमार को इस जाति का समर्थन मिल सकता है. वहीं, बीजेपी के कार्यकर्ता अभिरंजन कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने की बात को नजरअंदाज कर रहे हैं. उनका भी मानना है कि बेगूसराय में जातीय समीकरण ज्यादा मायने रखता है.

ऐसा माना जा रहा है कि महागठबंधन के साथी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस कन्हैया कुमार का यहां से प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं. गौरतलब हो कि बेगूसराय जिले को वाम दलों की सांगठनिक क्षमता के अनुसार मिनी मास्को की संज्ञा दी गई है और इस लाल जमीन पर संघर्ष कर वाम दल के कई चेहरे सत्ता के शीर्ष तक पहुंच चुके हैं.

कन्हैया की राजनीतिक पारी
वहीं, इसी लाल जमीन पर कन्हैया कुमार भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को सींचने में लगे हैं. जब से वाम दलों ने कन्हैया के नाम की घोषणा की है, तब से जिला मुख्यालय स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में गतिविधियां तेज हो गई हैं. रात-दिन कार्यकर्ता बूथ लेवल पर अपने संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.

क्या कहते हैं भकपा नेता
इस बाबत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह बताते हैं कि कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाकर वामदल ने कोई गलती नहीं की है. पूरा महागठबंधन एक साथ होकर कन्हैया को चुनाव जिताने में सहयोग करेगा.

Intro:डे प्लान स्टोरी
एंकर- बेगूसराय लोकसभा सीट पर वामदलों के द्वारा कन्हैया कुमार के चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा के बाद यहां की सियासत गर्म हो गयी है। एक तरफ वामदलों ने कन्हैया का नाम आगे कर महागठबंधन पर दबाव बना दिया है, वही कन्हैया के सामने किसे खड़ा किया जाय इसपर बीजेपी और एनडीए में सिर फुटौअल जारी है ।हालात ये है कि रोज नए नाम हवा में तैर रहे हैं कुछ ऐसे भी नाम हैं जिसे संगठन के लोग जानते तक नही ऐसे में कन्हैया को हल्के में लेना एनडीए को भाड़ी पर सकता है।


Body:vo- दिवंगत भाजपा सांसद भोला सिंह की मृत्यु के बाद बेगूसराय संसदीय सीट पर एक तरफ जहां वाम दल कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा कर चुके हैं, वहीं एनडीए में कन्हैया को टक्कर देने के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर भी उठा पटक मची हुई है और हर रोज नए नाम हवा में तैर रहे हैं कभी गिरिराज सिंह कभी विधान पार्षद रजनीश कुमार तो कभी राकेश सिन्हा के नाम भी चर्चा में हैं। दरअसल महागठबंधन में सीट शेयरिंग का पेंच अभी भी फंसा हुआ है इसको देखते हुए बामदल प्रेशर पॉलिटिक्स का खेल शुरू कर चुके है। इसी कड़ी में वामदलों ने एक तरफा निर्णय लेते हुए, बेगूसराय संसदीय सीट पर कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस जैसे महागठबंधन के साथी कन्हैया कुमार का यहां से प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में वाम दल दबाव बनाने के लिए कन्हैया कुमार के नाम की घोषणा कर चुका है। गौरतलब हो कि, बेगूसराय जिले को वाम दलों की सांगठनिक क्षमता के अनुसार मिनी मास्को की संज्ञा दी गई है और इस लाल जमीन पर संघर्ष कर वाम दल के कई चेहरे सत्ता के शीर्ष तक पहुंच चुके हैं, शायद इसी लाल जमीन पर कन्हैया भी अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षा को सींचने में लगा है। जब से वाम दलों द्वारा कन्हैया के नाम की घोषणा हुई है, तब से जिला मुख्यालय स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में गतिविधियां तेज हो गई है और रात दिन कार्यकर्ता बूथ लेवल पर अपने संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं ।इस बाबत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह बताते हैं कि कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाकर कहीं से बाम दल ने कोई गलती नहीं की है, और पूरा महागठबंधन एक साथ होकर कन्हैया को चुनाव जिताने में सहयोग करेगा।

बाइट- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद नेता बाम दल।

vo2- वहीं बीजेपी के कई नेता यहां से टिकट पाने की होड़ में शामिल है जिसमे एक नया नाम केशावय गाँव के अभिरंजन कुमार का भी है जो पेशे से पत्रकार हैं और और उनके घर के लोग अभी भी अपने पैतृक आवास केशावय गाव में ही रह रहे हैं ,लेकिन संगठन के लोग अभी तक उन्हें पहचानते तक नही हैं ।बीजेपी के कार्यकर्ता और सहयोगी दल के जमीनी कार्यकर्ता किसी बाहरी और अनजान चेहरे को मैदान में उतारे जाने की संभावना का प्रबल विरोध कर रहै हैं।
बाइट-अरुण कुमार,जेडीयू प्रवक्ता
बाइट-अजित कुमार,नेता युवा मोर्चा बीजेपी
vo-नए नाम अभिरंजन के बारे में कार्यकर्ता नोटिश नही ले रहे उनका मानना है चुकी सामने कन्हैया है और जिसे जिताने के लिये पूरा विपक्ष एक होकर प्रचार करेगा और जिस तरह कन्हैया एन्ड टीम रात दिन मेहनत कर रहा है लोकप्रिय उम्मीदवार नही देने की स्थिति में पार्टी को खामियाजा भी भुगतना पर सकता है।
बाइट-बीरेश कुमार,बीजेपी कार्यकर्ता


Conclusion:fvo-इतना तय है कि जिस तरीके से वामदल और कन्हैया एन्ड टीम बूथ स्तर पर अपना संगठन मजबूत करने के लिये मेहनत कर रहा है उसके मुकाबले के लिए एनडीए को उम्मीदवार चयन में सावधानी बरतनी पड़ेगी ।बहरहाल जो भी हो इतना तय है कि बीजेपी ने प्रत्याशी चयन में थोड़ी भी चूक की तो उसका सीधा लाभ लेने के किये कन्हैय्या तैयार खड़ा है ।ऐसे में जब कि कन्हैया भूमिहार जाति से आते हैं और दूसरा प्रत्याशी जो एनडीए से आएगा वो भी भूमिहार ही होगा वैसे में भूमिहार जाति के लोग किसे चुनते हैं ये बड़ा फैक्टर है।
Last Updated : Mar 13, 2019, 8:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.