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बेगूसराय: जुवेनाइल एक्ट को लेकर पुलिस अधिकारियों को किया जा रहा जागरुक

जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के न्यायाधीश इस बाबत जागरुकता अभियान चला रहे हैं. ताकि पुलिस विभाग की फजीहत ना हो.

डीएसपी कुंदन सिंह
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Published : Jul 29, 2019, 9:54 PM IST

बेगूसराय: बाल अपराधियों के साथ की गई पुलिसिया कार्रवाई के कारण पुलिस विभाग हमेशा चर्चा में रहता है. आए दिन सुनने में आता है कि पुलिस ने जुवेनाइल एक्ट का उल्लंघन किया. दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाल अपराधियों से जुड़े मामलों में पुलिस पदाधिकारियों को कम जानकारी है. इसी वजह से हर बार पुलिस विभाग की फजीहत हो जाती है.

जानकारी देते डीएसपी कुंदन सिंह

क्या है प्रावधान?
प्रावधान के अनुसार अगर किसी बाल अपराधी ने कोई गंभीर अपराध ना किया हो या जानबूझकर कुछ ना किया हो तो पुलिस उसे हथकड़ी नहीं लगा सकती. साथ ही उसके खिलाफ केस भी नहीं दर्ज किया जा सकता. जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के न्यायाधीश इस बाबत जागरुकता अभियान चला रहे हैं.

डीएसपी ने दिया आश्वासन
बेगूसराय जिले के तमाम थानेदारों अधिकारियों को बाल अपराध से जुड़े तमाम चीजों से अवगत कराया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद से लगातार वरीय अधिकारी सभी थानेदारों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मुख्यालय डीएसपी कुंदन सिंह बताते हैं कि हर हाल में बाल अपराधी के साथ आम अपराधी के जैसे बर्ताव नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए थानों में पदस्थापित सेकेंड एसएचओ विशेष रूप से प्रशिक्षित किये गए हैं, जो बाल अपराध से जुड़े मामलों को देखेंगे.

बेगूसराय: बाल अपराधियों के साथ की गई पुलिसिया कार्रवाई के कारण पुलिस विभाग हमेशा चर्चा में रहता है. आए दिन सुनने में आता है कि पुलिस ने जुवेनाइल एक्ट का उल्लंघन किया. दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाल अपराधियों से जुड़े मामलों में पुलिस पदाधिकारियों को कम जानकारी है. इसी वजह से हर बार पुलिस विभाग की फजीहत हो जाती है.

जानकारी देते डीएसपी कुंदन सिंह

क्या है प्रावधान?
प्रावधान के अनुसार अगर किसी बाल अपराधी ने कोई गंभीर अपराध ना किया हो या जानबूझकर कुछ ना किया हो तो पुलिस उसे हथकड़ी नहीं लगा सकती. साथ ही उसके खिलाफ केस भी नहीं दर्ज किया जा सकता. जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के न्यायाधीश इस बाबत जागरुकता अभियान चला रहे हैं.

डीएसपी ने दिया आश्वासन
बेगूसराय जिले के तमाम थानेदारों अधिकारियों को बाल अपराध से जुड़े तमाम चीजों से अवगत कराया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद से लगातार वरीय अधिकारी सभी थानेदारों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मुख्यालय डीएसपी कुंदन सिंह बताते हैं कि हर हाल में बाल अपराधी के साथ आम अपराधी के जैसे बर्ताव नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए थानों में पदस्थापित सेकेंड एसएचओ विशेष रूप से प्रशिक्षित किये गए हैं, जो बाल अपराध से जुड़े मामलों को देखेंगे.

Intro:नोट-vo किया हुआ है।

एंकर- बाल अपराधी को पुलिस सामान्य कैदी की तरह बर्ताव नहीं कर सकती है और ऐसा करना कानूनन जुर्म है ,लेकिन जानकारी के अभाव में कई बार पुलिसकर्मी कानून का उल्लंघन कर देते हैं पुलिसकर्मियों को इस संबंध में व्यापक प्रशिक्षण देकर कानूनी रूप से समृद्ध बनाया जा रहा है।


Body:vo- बाल अपराधियों के द्वारा किए जाने वाले अपराध और पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई हमेशा विवादों में होती है। हमें देखने और सुनने को मिलता है कि पुलिस ने जुमनाइल एक्ट का उल्लंघन किया। दरअसल बाल अपराधियों से जुड़े मामलों में पुलिस पदाधिकारी की कम जानकारी कई बार पुलिस के लिए फजीहत का कारण बन जाती है ।प्रावधान के अनुसार अगर किसी बाल अपराधी द्वारा किया गया अपराध गंभीर और जानबूझकर ना किया गया हो तो ना उसे हथकड़ी लगाया जा सकता है और ना ही उसके खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है। जुमनाइल जस्टिस कोर्ट की न्यायाधीश के द्वारा 2 दिन पूर्व इसकी शुरुआत की गई और बेगूसराय जिले के तमाम थानेदारों अधिकारियों को बाल अपराध से जुड़े तमाम चीजों से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के बाद से लगातार वरीय अधिकारियों के द्वारा सभी थानेदारों की मॉनिटरिंग की जा रही है इस बावत मुख्यालय डीएसपी कुंदन सिंह बताते हैं हर हाल में बाल अपराधी के साथ आम अपराधी के जैसे बर्ताव नहीं होने दिए जाएंगे ,इसके लिए थानों में पदस्थापित सेकंड एसएचओ विशेष रूप से प्रशिक्षित किये गए हैं जो बाल अपराध से जुड़े मामलों को देखेंगे ।
बाइट-कुंदन सिंह,डीएसपी मुख्यालय


Conclusion:fvo-निश्चित तौर पर अगर सरकार और पुलिस डिपार्टमेंट के निर्देश पर जिलों में पदस्थापित थानेदार और पुलिसकर्मी बाल अपराध से जुड़े मामलों की बारिकी से अवगत हो जाएंगे तो बाल अपराधियों के साथ आम कैदी वाला वर्ताव स्वतः बंद हो जाएगा।
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