बेगूसराय: बिहार सरकार और परिवहन विभाग की देखरेख में शुरू की गई ग्राम परिवहन योजना की स्थिति जिले में बद से बदतर है. हालात यह है कि विभाग की ओर से निर्धारित 1145 लोगों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मात्र 373 लाभुकों को ही इस योजना का लाभ दिया जा सका है.
लाभ लेने से लोग कर रहे परहेज
बता दें कि ग्राम परिवहन योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को परिवहन सुविधा मुहैया कराना था, वहीं, पंचायत स्तर पर अनुसूचित जाति और अत्यंत पिछड़ी जाति के लोगों को स्वरोजगार देना था. इसके लिए सरकार की ओर से वाहन की खरीद पर एक लाख रुपये अनुदान भी दिए जा रहे हैं. इसके बाद भी लोग इस योजना का लाभ लेने से परहेज कर रहे है.
योजना का ठीक से नहीं हो पा रहा है संचालन
परिवहन अधिकारी श्री प्रकाश ने बताया कि विभाग की ओर से भले ही एक लाख रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाते हैं, लेकिन शेष बची राशि लाभुकों को देनी होती है और आर्थिक अभाव में लोग वह राशि देने में अपने आप को अक्षम महसूस कर रहे हैं. इस कारण योजना का जिले में इस योजना का संचालन ठीक तरीके से नहीं हो रहा है.
परिवहन मेला का होगा आयोजन
डीटीओ ने बताया कि इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने और इसका लाभ लोगों को देने के उद्देश्य से अब परिवहन विभाग ने प्रखंड स्तर पर इसका प्रचार प्रसार शुरू किया है. इसी कड़ी में आगामी 17 फरवरी से प्रखंड स्तर पर ग्राम परिवहन मेला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोगों को वाहन मेले में वाहन पसंद करना पड़ेगा और परिवहन विभाग सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर लाभुकों को गाड़ी मुहैया करायी जाएगी.
लक्ष्य पूरा करने में असफल
फिलहाल जो भी हो सरकार और परिवहन विभाग के की ओर से चलाई गई महत्वाकांक्षी योजना ग्राम परिवहन योजना की स्थिति जिले में चिंताजनक कही जा सकती है, क्योंकि जिस सोच और जिस उद्देश्य के साथ इस योजना को लाया गया था. उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है और आंकड़े बताते हैं कि जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था. उसका 60% भी हासिल नहीं किया जा सका है.