बेगूसराय: किसान बिल के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मंगलवार को भारत बंद का भरपूर समर्थन किया. जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, माले, आप और जाप समेत विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर नजर आए और जगह-जगह समूह बनाकर एनएच-31 को जाम कर दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए.
किसान बिल वापस नहीं लिया तो करेंगे बड़ा आंदोलन
बेगूसराय में कई जगहों पर भारत बंद के समर्थन में शामिल कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर अपना विरोध जताया. वहीं, एनएच पर गाड़ियों की आवाजाही को पूरी तरह ठप कर दिया. इस दौरान नेताओं ने इस बिल को काला कानून बताया. नेताओ ने कहा कि ये बिल सरकार को वापस लेना होगा नहीं तो देश में इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार बहुमत में है इसलिए मनमानी कर रही है. उनका कहना है कि पहले सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी जैसे बिल लाकर लोगों को परेशान करने का काम किया. वहीं, अब देश के अन्नदाता, जिनसे हमारा पेट भरता है. उसके लिए कृषि बिल लाकर किसानों को परेशान करने का काम कर रही है. जिसके समर्थन में कांग्रेस आज सड़क पर उतरी है.
80 फीसदी आबादी खेती पर आधारित
भारत बंद के समर्थन में आरजेडी नेताओं का कहना है कि देश की 80 फीसदी आबादी खेती पर आधारित है और ऐसे में नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों की जमीन को कॉरपोरेट घरानों को बेचकर किसानों को मजदूर बनना चाहती है. जिसके विरोध में आरजेडी आज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है. प्रदर्शन के दौरान माकपा के नेताओं का कहना है कि सरकार चाहती है कि किसानों की जमीन किसानों की न रहे. किसान कॉरपोरेट घरानों के मजदूर बन कर रहे, इसकी तैयारी कर दी है. वहीं, खाद-बीज और संयंत्र कॉरपोरेट घरानों के द्वारा सप्लाई की जाए और देश की पूरी जमीन कॉरपोरेट घराने और पूंजीपतियों की हो जाए. इस पर सरकार काम कर रही है.
341 किसान संगठन ने किया प्रदर्शन
सीपीआई नेता अनिल कुमार अंजान ने कहा कि देश के 341 किसान संगठन आज सड़कों उतरकर किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान माले के नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों से वार्ता करने का दिखावा बंद करें और तीनों किसान बिल को वापस ले. नेताओं ने कहा कि किसानों के सभी फसल का समर्थन मूल्य दे. एआईएसएफ के कार्यकर्ताओं ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए कॉपरेटिव कॉलेज के पास एनएच-31 को जाम कर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि ये निक्कमी सरकार है और जब तक इसे वापस नहीं लेती है तब तक एआईएसएफ किसानों के साथ खड़ी रहेगी.