बेगूसराय: बिहार में कोरोना के रोकथाम और इसकी जाँच के लिए लैब टेक्नीशियन को बहाल किया गया था. ऐसे में एक बार फिर से जब राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने लगे है तो इस बीच सरकार द्वारा लैब टेक्नीशियनों के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है. जिससे हजारों की संख्या मे बहाल लैब टेक्नीशियन सड़क पर आ गए हैं.
31 दिसंबर से सेवा विस्तार पर रोक: इस संबंध मे राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी करते हुए जानकारी दी है कि उनकी सेवा को 31 दिसंबर के बाद से विस्तार नहीं किया जाएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी पत्र के बाद ना सिर्फ लैब टेक्नीशियन में मायूसी छाई हुई है बल्कि नाराजगी भी देखी जा रही है. इतना ही नहीं कोरोना जांच घर में ताला लटकने के कारण जांच कराने आये लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
30 लैब टेक्नीशियन धरने पर बैठे: सरकार के इस निर्णय के विरोध में बेगूसराय में बहाल 30 लैब टेक्नीशियन धरने पर बैठ गए है. फैसले के विरोध में लैब टेक्नीशियन ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहां कि जिस सरकार ने उन्हें चादर से सम्मानित किया था. वहीं सरकार कफन से सम्मानित करने का काम कर रही है. इनकी मांग है कि सरकार इनको फिर से बहाल करें और उन्हें जनता की सेवा का मौका दे.
सरकार फिर से करे बहाल: वहीं, धरने पर बैठे लैब टेक्नीशियन संघ के जिला अध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि कल सरकार द्वारा एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें सरकार ने कोरोना काल में बहाल सभी लैब टेक्नीशियन के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है. आज जब वो लोग काम करने आये तो पता चला की उनकी सेवा विस्तार पर रोक लगा दिया गया है. जिससे वो लोग निराश है. उनकी मांग है कि सरकार एक बार फिर से उन लोगों को बहाल करें और जनता के सेवा का मौका दे.
बेरोजगार हो गए लैब टेक्नीशियन: वहीं, इस संबंध मे कोविड एलटी नबेन्दू मिश्रा ने कहा कि सरकार से उन्हें टर्मिनेट कर दिया है. आज से वो लोग बेरोजगार हो गए है. सरकार ने हम लोगों को बोरिया बिस्तर बांध कर घर जाने, आत्महत्या करने, लोगों की झिड़की सुनने और भूखे मरने के लिए छोड़ दिया है. सरकार हमें कोरोना वारियर्स से सम्मानित करने के बाद आज प्रताड़ित करने का काम कर रही है. हम लोगों की मांग है कि सरकार हमारी सेवा को 60 साल करते हुए की समुचित वेतन प्रदान करें.
"जिस सरकार ने हमे चादर से सम्मानित किया था, आज उसी सरकार ने हमारे कफन की व्यवस्था कर दी है. हमने कोरोना काल में बढ़चढ़ कर भाग लिया था. इस दौरान कई लैब टेक्नीशियन की मौत भी हो गई थी. कोरोना काल में हमारे लोगों को एक दिन भी छुट्टी नहीं दी गई. इसके बावजूद हमलोग चार साल से अपनी सेवा दे रहे है. आज हम लोगों को घर का रास्ता दिखा दिया गया है." - धीरज कुमार, जिला अध्यक्ष, लैब टेक्नीशियन संघ
"हम लोगों ने इमरजेंसी सेवा में काम किया. लेकिन आज हम लोगों को घर बैठा दिया गया. हम लोगों को हर तीन महीने मे सेवा विस्तार दिया जाता था. हम लोगों को उम्मीद थी की ये आगे भी बढ़ाया जायेगा. लेकिन पत्र निर्गत कर हम लोग को घर बैठा दिया गया. सरकार से अनुरोध है कि उन लोगों को फिर से काम पर रखा जाए." - कंचन कुमारी, लैब टेक्नीशियन
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