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आश्वासन के बाद अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों का आमरण अनशन खत्म, कई कर्मियों की तबीयत बिगड़ी - कोर्ट ने दिया था नियुक्ति का आदेश

सिविल सर्जन और अनुमंडल पदाधिकारी ने जूस पिलाकर अनशन कारियों का अनशन तुड़वाया. बता दें कि बिहार में अनौपचारिक शिक्षा के खत्म होने के बाद काम कर रहे अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों ने कोर्ट की शरण मे जा कर सरकारी नियुक्ति करने की मांग की थी.

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Published : Mar 3, 2020, 10:41 AM IST

बेगूसरायः जिले में पिछले 24 फरवरी से जारी अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों का आमरण अनशन खत्म हो गया है. यह अनशन चतुर्थवर्गीय कर्मी की नियुक्ति की प्रक्रिया में लेट होने के कारण किया जा रहा था. सदर एसडीओ और सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद यह खत्म कराया गया. पदाधिकारियों ने अनशन कारियों से उनकी नियुक्ति के लिए बीस दिनों का समय मांगा है.

कोर्ट ने दिया था नियुक्ति का आदेश
सिविल सर्जन और अनुमंडल पदाधिकारी ने जूस पिलाकर अनशन कारियों का अनशन तुड़वाया. बता दें कि बिहार में अनौपचारिक शिक्षा के खत्म होने के बाद काम कर रहे अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों ने कोर्ट की शरण में जाकर सरकारी नियुक्ति करने की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए ऐसे लोगों को नियुक्त करने का आदेश सरकार को दिया था.

पेश है रिपोर्ट

नहीं पूरी की गई नियुक्ति की प्रक्रिया
कोर्ट के आदेश के बाद अनौपचारिक शिक्षा में काम कर रहे 96 कर्मियों को चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया था. लेकिन 11 महीने बीत जाने के बाद भी इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई. इससे नाराज कर्मी 24 फरवरी से आमरण अनशन कर रहे थे. अधिकारियों के आश्वासन के बाद अब देखना है कि अनशनकारियों की मांग कब तक पूरी होती है.

बेगूसरायः जिले में पिछले 24 फरवरी से जारी अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों का आमरण अनशन खत्म हो गया है. यह अनशन चतुर्थवर्गीय कर्मी की नियुक्ति की प्रक्रिया में लेट होने के कारण किया जा रहा था. सदर एसडीओ और सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद यह खत्म कराया गया. पदाधिकारियों ने अनशन कारियों से उनकी नियुक्ति के लिए बीस दिनों का समय मांगा है.

कोर्ट ने दिया था नियुक्ति का आदेश
सिविल सर्जन और अनुमंडल पदाधिकारी ने जूस पिलाकर अनशन कारियों का अनशन तुड़वाया. बता दें कि बिहार में अनौपचारिक शिक्षा के खत्म होने के बाद काम कर रहे अनौपचारिक शिक्षा कर्मियों ने कोर्ट की शरण में जाकर सरकारी नियुक्ति करने की मांग की थी. जिसके बाद कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए ऐसे लोगों को नियुक्त करने का आदेश सरकार को दिया था.

पेश है रिपोर्ट

नहीं पूरी की गई नियुक्ति की प्रक्रिया
कोर्ट के आदेश के बाद अनौपचारिक शिक्षा में काम कर रहे 96 कर्मियों को चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया था. लेकिन 11 महीने बीत जाने के बाद भी इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई. इससे नाराज कर्मी 24 फरवरी से आमरण अनशन कर रहे थे. अधिकारियों के आश्वासन के बाद अब देखना है कि अनशनकारियों की मांग कब तक पूरी होती है.

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