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अब टूरिस्ट हब बनेगा कावर झील, ETV भारत की खबर के बाद तेजी से हो रहा काम

कावर झील के संरक्षण की दिशा में खबर दिखाए जाने के बाद से लगातार जनप्रतिनिधि, मंत्री, सांसद और आमलोग आगे आ रहे हैं. जिलाधिकारी ने भी कहा है कि जल्द ही इसे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा.

कावर झील
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Published : Aug 1, 2019, 6:01 PM IST

बेगूसराय: एशिया की सात सौ साल पुरानी कावर झील की खबर को ईटीवी भारत ने कुछ हफ्तों पहले प्रमुखता से दिखाया था. इस खबर का असर अब दिखने लगा है. एक तरफ जहां अधिकारी इस पर संज्ञान ले रहे हैं. वहीं, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कावर झील की दुर्दशा का मुद्दा सदन में भी उठाया था.

कावर झील के संरक्षण की दिशा में प्रयास किए जाने के बाद आमलोग ईटीवी भारत को यह मुहिम छेड़ने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं. बता दें कि बीते 5 जून को ईटीवी भारत ने कावर झील की बदहाली की खबर दिखाई थी. इसके बाद से कावर झील की विरासत को वापस लौटाने के लिए जिले में एक मुहिम चल रही है. ईटीवी भारत संवाददाता ने भारत सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह से भी इस बाबत सवाल पूछा था. तब उन्होंने इसके संरक्षण की बात कही थी.

begusarai
झील की हालत खराब

मदद के लिए आगे आए लोग
इस विशेष मुहिम में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भागीदार बने हैं. राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बीते दिनों राज्यसभा में कावर झील का मुद्दा उठाया था और सरकार से मांग की थी कि सदियों पुरानी विरासत और सुंदरता को वापस किया जाए. उन्होंने कहा था कि कावर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा

'ईटीवी भारत का शुक्रिया'
जिलाधिकारी राहुल कुमार ने कावर झील को बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना ली है. वहीं, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और प्रोफेसरों ने भी ईटीवी भारत को इसके लिए शुक्रिया कहा है.

begusarai
जिलाधिकारी राहुल कुमार

पर्यटन स्थल के रुप में विकसित होगा
इस बाबत जिलाधिकारी राहुल ने भी माना है कि खबर प्रसारण के बाद ही मामला संज्ञान में आया है. कावर झील के जमीन से जुड़े एक मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में चल रही है. जिसका फैसला इसी महीने आने की संभावना है. जिसके बाद कावर झील के विकास और पर्यटक स्थल के रुप में इसे विकसित करने की कार्य योजना पर काम शुरू किया जाएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

एशिया की सबसे बड़ी झील में शामिल
बिहार के बेगूसराय के मझौल में लगभग 5467 हेक्टेयर जमीन पर एक झील है, जिसे कांवर झील कहते हैं. इसे बाद में बिहार सरकार की अधिसूचना में 6311 हेक्टेयर वाली झील के तौर पर शामिल किया गया. यह अपने आप में एशिया की सबसे बड़ी झील है. इसका पानी इतना अच्छा होता था कि इसे देखने और पीने के लिए लाखों लोग आते हैं.

बेगूसराय: एशिया की सात सौ साल पुरानी कावर झील की खबर को ईटीवी भारत ने कुछ हफ्तों पहले प्रमुखता से दिखाया था. इस खबर का असर अब दिखने लगा है. एक तरफ जहां अधिकारी इस पर संज्ञान ले रहे हैं. वहीं, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कावर झील की दुर्दशा का मुद्दा सदन में भी उठाया था.

कावर झील के संरक्षण की दिशा में प्रयास किए जाने के बाद आमलोग ईटीवी भारत को यह मुहिम छेड़ने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं. बता दें कि बीते 5 जून को ईटीवी भारत ने कावर झील की बदहाली की खबर दिखाई थी. इसके बाद से कावर झील की विरासत को वापस लौटाने के लिए जिले में एक मुहिम चल रही है. ईटीवी भारत संवाददाता ने भारत सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह से भी इस बाबत सवाल पूछा था. तब उन्होंने इसके संरक्षण की बात कही थी.

begusarai
झील की हालत खराब

मदद के लिए आगे आए लोग
इस विशेष मुहिम में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भागीदार बने हैं. राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बीते दिनों राज्यसभा में कावर झील का मुद्दा उठाया था और सरकार से मांग की थी कि सदियों पुरानी विरासत और सुंदरता को वापस किया जाए. उन्होंने कहा था कि कावर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए.

सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा

'ईटीवी भारत का शुक्रिया'
जिलाधिकारी राहुल कुमार ने कावर झील को बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना ली है. वहीं, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और प्रोफेसरों ने भी ईटीवी भारत को इसके लिए शुक्रिया कहा है.

begusarai
जिलाधिकारी राहुल कुमार

पर्यटन स्थल के रुप में विकसित होगा
इस बाबत जिलाधिकारी राहुल ने भी माना है कि खबर प्रसारण के बाद ही मामला संज्ञान में आया है. कावर झील के जमीन से जुड़े एक मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में चल रही है. जिसका फैसला इसी महीने आने की संभावना है. जिसके बाद कावर झील के विकास और पर्यटक स्थल के रुप में इसे विकसित करने की कार्य योजना पर काम शुरू किया जाएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

एशिया की सबसे बड़ी झील में शामिल
बिहार के बेगूसराय के मझौल में लगभग 5467 हेक्टेयर जमीन पर एक झील है, जिसे कांवर झील कहते हैं. इसे बाद में बिहार सरकार की अधिसूचना में 6311 हेक्टेयर वाली झील के तौर पर शामिल किया गया. यह अपने आप में एशिया की सबसे बड़ी झील है. इसका पानी इतना अच्छा होता था कि इसे देखने और पीने के लिए लाखों लोग आते हैं.

Intro:नोट-संभव हो तो राकेश सिन्हा की वो वीडियो लगा दें जो राज्यसभा में उन्होंने कहा था।

एंकर- एशिया प्रसिद्ध कावर झील की दुर्दशा की खबर सबसे पहले ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद खबर का असर भी दिखने लगा है। एक तरफ जहां अधिकारी इस पर संज्ञान ले रहे हैं वही राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कावर झील को लेकर सदन में सवाल उठाया। आम लोग ईटीवी भारत की इस मुहिम के लिए धन्यवाद दे रहे हैं।


Body:vo- बीते 5 जून को ETV Bharat द्वारा एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील कावर झील की दुर्दशा की खबर को प्रसारित किए जाने के बाद ,कावर झील की विरासत वापस लौटाने के लिए जिले में एक मुहिम चल रही है, जिसमें अब अधिकारी जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भागीदार बने हैं ।गौरतलब हो कि ईटीवी भारत द्वारा खबर दिखाए जाने के बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इसे गंभीरता से लिया है। इस बावत राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बीते दिनों राज्यसभा में कावर झील का मुद्दा उठाया था और सरकार से मांग की की सदियों पुरानी विरासत और सुंदरता को वापस दिलाकर कावर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। जिलाधिकारी राहल कुमार ने भी कावर झील को बड़े पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना ली है। ईटीवी भारत के द्वारा सामाजिक सरोकार से जुड़े इस बड़े मुद्दे को जबाबदेही से उठाए जाने के लिए जिले के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने धन्यवाद कहा है।महिला कॉलेज के प्रोफेसर विमलेश कुमार और सामाजिक कार्यकर्ता अरुण महतो ने तहेदिल से ईटीवी भारत को शुक्रिया किया है।
पवन टू वन विथ प्रो विमलेश
बाइट-अरुण महतो,सामाजिक कार्यकर्ता
vo-इस बाबत जिलाधिकारी राहुल ने भी माना कि खबर प्रसारण के बाद ही मामला संज्ञान में आया है ,कावर झील के जमीन से जुड़े एक मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में चल रही है जिसका फैसला इसी महीने आने की संभावना है जिसके बाद कावर झील के सर्वांगीण विकास और पर्यटक स्थल के रूप में इसे विकसित करने की कार्ययोजना पर काम शुरू किया जाएगा।
बाइट-राहुल कुमार डीएम,बेगूसराय


Conclusion:fvo-निश्चित तौर पर सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दे को ईटीवी भारत के द्वारा चलाये जाने के बाद जिले में इसका इम्पैक्ट भी दिखने लगा है।एक बार फिर जिले के प्रबुद्ध लोगों ने ईटीवी भारत की खबर को सराहा है और राज्यसभा तक इस मुद्दे को ले जाने का श्रेय ईटीवी भारत को दिया है।
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