बेगूसराय: पौराणिक मान्यताओं वाले सिमरिया का गंगा घाट प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो गया है. इस घाट पर साल भर हजारों की संख्या में लोग अपने धार्मिक रीति रिवाज से जुड़े कर्मो के निष्पादन के लिए पहुंचते रहते हैं.
पितृ कर्म और दाह संस्कार करने पहुंचते हैं लाखों लोग
सावन के मास में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां से जल भरकर देवघर, हरी गिरी धाम, मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ समेत तमाम प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों पर जल अर्पण करते हैं. वहीं कार्तिक मास में 1 माह तक यहां कल्पवास का आयोजन होता है. वहीं हजारों की संख्या में लोग साल भर देव कर्म और पितृ कर्म सहित दाह संस्कार तक के लिए पहुंचते हैं
- जगह-जगह कचरे का अंबार लगा है.
- घाट पर शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है.
- घाट पर महिलाओं के कपड़े बदलने का कक्ष नहीं है.
- पीने के पानी का अभाव है.
- स्नान करने के लिए सीधा घाट नहीं है.
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
वहीं स्थानीय पंडा रघुवीर झा बताते हैं कि पौराणिक इस घाट पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग आते हैं. लेकिन जिस अनुपात में यहां साफ-सफाई और सुविधाएं होनी चाहिए वह नहीं हैं. जिसके कारण आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि प्रशासन लापरवाही कर रहा है.