बेगूसरायः गांव के विकास से लेकर आपदा तक में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र ने अपने स्थायीकरण और मानदेय की मांग को लेकर धरना दिया. साल 2011 से ही ग्राम रक्षा दल को सरकार की ओर से एक रुपया भी भुगतान नहीं दिया गया. यही वजह के ये लोग अब सरकार से नाराज होकर अपनी मांगों के समर्थन में धरना पर उतर आए हैं.
परिवार के सामने भुखमरी की नौबत
धरना में शामिल पुलिस मित्रों का कहना है कि सरकार के पास इनके लिए कोई प्रावधान है. ऐसे में इनके परिवार और बाल बच्चों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. कइयों की पत्नियों ने निकम्मा कहकर अपने पति को छोड़ दिया है. बता दें कि जिला में तकरीबन 1500 ग्राम रक्षा दल सह पुलिस मित्र काम कर रहे हैं.
हर तरह से करते हैं सरकार की मदद
गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने, आपदा के समय में आम लोगों की मदद करना, बाल विवाह कानून की रक्षा करने समेत शराबबंदी कानून में सरकार की मदद करना जैसे कई मसले हैं, जिन पर ग्राम रक्षा दल व पुलिस मित्र काम करते हैं. बावजूद इसके इन्हें सरकार की तरफ से एक रुपया नहीं मिलता. धरना प्रदर्शन और मंत्रियों के दरवाजे पर चक्कर लगाते-लगाते अब यह थक चुके हैं.
'अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला'
पुलिस मित्रों का कहना है कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इन्हें चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. लेकिन आश्वासन के घुट के सिवा कुछ भी नहीं मिला. ऐसे में इन्होंने एक बार फिर से मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत की.