बेगूसराय: जिले के बछवारा प्रखंड के चमथा दियारा का 5 पंचायत पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है. माना जा रहा है कि तकरीबन 80 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. 2016 के बाद बाढ़ ने एक बार फिर कई इलाकों में अपना कहर बरपाया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लोग किसी तरह जान जोखिम में डालकर अपने और अपने जानवरों को इस संकट से निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
![flood in five panchayat of begusarai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4566583_begusarai-1.jpg)
'कोई अधिकारी देखने तक नहीं आया है'
लगातार बढ़ते पानी से परेशान लोग अब अपने आशियाने को छोड़कर ऊंची स्थान की तलाश में निकल पड़े हैं. लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि राहत क्या होती है. यह उन्हें नहीं पता. लेकिन उन्हें तो कोई अधिकारी अब तक देखने तक नहीं आया है. बिगड़ते हालात के बीच अब लोग गांव से अपने जानवरों के साथ पलायन करने को मजबूर हैं. राहत के नाम पर सिर्फ हौसला देने वाली सरकार है. यह वही इलाका है, जहां बाढ़ को लेकर 2 महीने पहले ही सरकार के मुख्य सचिव ने एक हाई लेवल की मीटिंग बुलाई थी और इन इलाकों में बाढ़ से बचाने का खाका तैयार किया था, लेकिन हालात अभी भी वही है.
खोखले साबित हो रहे हैं दावे
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मानें तो वह लगातार अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों के हालात की जानकारी देते रहे हैं. लेकिन अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी हालात में हम क्या करें, समझ में नहीं आता है. बाढ़ पीड़ितों के लिए ना तो कोई राहत शिविर है, न ही दूसरी कोई व्यवस्था है. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि सरकार की मुकम्मल व्यवस्था का दावा कितना खोखला और कागजी साबित हो रहा है.