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Begusarai News: अवैध बालू खनन से दियारा इलाके की 100 एकड़ जमीन गंगा में समाई, किसानों की मांग- करे कुछ सरकार - Erosion Of Farmers Land

बेगूसराय जिले के गंगा किनारे की किसानों की जमीन गंगा में विलीन हो रही (Ganga In Begusarai) है. सरसों की खेती वाले सौ एकड़ इलाके की भूमि गंगा में समा चुकी है. जिससे किसानों की माथे पर चिंता की लकीर साफ-साफ देखी जा सकती है. स्थानीय लोगों की माने तो अवैध खनन के कारण गंगा किनारे की जमीन का कटाव हो रहा है.

दियारा इलाके में  किसानों की   जमीन गंगा में समाई
दियारा इलाके में किसानों की जमीन गंगा में समाई
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Published : Jan 27, 2023, 7:19 PM IST

बेगूसराय में किसानों की जमीन का कटाव

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में किसानों की जमीन (Erosion Of Farmers Land) गंगा में समाती जा रही है. गंगा की तीव्र धारा से बरसों से कटाव का सितम झेल रहे गंगा किनारे बसे लोगों की जीविका से जुड़ी खेती योग्य जमीन, आशियाना, गंगा की गोद में समाती जा रही है. जिससे लोगों का अपना वजूद मिटता हुआ महसूस हो रहा है. लेकिन अभी तक कटावरोधी कोई ठोस पहल सरकार के स्तर पर नहीं हो सकी है. इन दिनों बेगूसराय जिले के दियारा इलाके में कटाव जारी है.

ये भी पढ़ें- कटिहारः पलक झपकते ही गंगा में समाई स्कूल की इमारत, भगवान को याद करने लोग

100 बीघा से अधिक जमीन गंगा में समाई : कटाव इस कदर तेज है कि नदी के किनारे पर मौजूद मटिहानी प्रखंड के सिंहमा, बछवाड़ा और बलिया प्रखंड के दियारा इलाका गंगा नदी में समाती जा रही है. इस इलाके में सबसे ज्यादा खेती रैचा की होती है. लेकिन अब सरसों की खेती ठीक से नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से बेगूसराय में सरसों तेल की कीमतों में इजाफा होने की उम्मीद है. दियारा इलाके में 100 बीघा से अधिक जमीन गंगा में समा गई है.

खेती की जमीन गंगा में समा रही है : मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय जिले के बछवाड़ा, बलिया और मटिहानी प्रखंड दियारा इलाके में है. बात मटिहानी प्रखंड की करें तो गंगा कटाव के कारण सिर्फ सिंहमा दियारा में किसानों की सौ बीघा से अधिक जमीन गंगा में विलीन हो चुकी है. इसमें व्यापक पैमाने पर उपजाऊ जमीन भी शामिल हैं. यहां अब भी खेत में लगी सरसों सहित खेत में लगी अन्य फसलें भी गंगा में समा रही हैं. मटिहानी के दियारा इलाके के सदानंद सिंह ने कहा कि- 'मेरे पास 10 बीघा जमीन थी और कटाव के कारण अब सिर्फ 2 बीघा बचा है. यहां पर मौसम के अनुसार गेहूं और रैचा की खेती करते हैं.'

अवैध बालू खनन भी बन रहा कटाव का कारण : मटिहानी के अंचल अधिकारी मनीष कुमार के द्वारा स्थानीय लोगों की भूमि को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्थानीय सिंहमा के मुखिया और ठेकेदार बम बम सिंह ने बताया कि गंगा में हो रहे कटाव का बड़ा कारण इस क्षेत्र में बालू व मिट्टी का बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध खनन है. यहां न सिर्फ दियारा इलाके बल्कि आबादी से काफी कम दूरी के क्षेत्र में भी धड़ल्ले से उजला बालू व मिट्टी का अवैध खनन आज भी हो रहा है.

'अवैध खनन के कारोबारी सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात के अंधेरे में भी खनन को अंजाम दे रहे हैं. अवैध खनन के इस कार्य में जेसीबी मशीन तक का उपयोग हो रहा है और दर्जनों ट्रैक्टर बालू व मिट्टी ढोने में लगा रहता है. कटाव के पीछे का मुख्य कारण अवैध खनन है. अवैध खनन स्थान पर गंगा का कटाव करना शुरु कर देती है. अवैध खनन और उसको चलाने वाले माफिया बेलगाम होकर अवैध खनन कर रहे हैं.' - बम बम सिंह, मुखिया

बेगूसराय में किसानों की जमीन का कटाव

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में किसानों की जमीन (Erosion Of Farmers Land) गंगा में समाती जा रही है. गंगा की तीव्र धारा से बरसों से कटाव का सितम झेल रहे गंगा किनारे बसे लोगों की जीविका से जुड़ी खेती योग्य जमीन, आशियाना, गंगा की गोद में समाती जा रही है. जिससे लोगों का अपना वजूद मिटता हुआ महसूस हो रहा है. लेकिन अभी तक कटावरोधी कोई ठोस पहल सरकार के स्तर पर नहीं हो सकी है. इन दिनों बेगूसराय जिले के दियारा इलाके में कटाव जारी है.

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100 बीघा से अधिक जमीन गंगा में समाई : कटाव इस कदर तेज है कि नदी के किनारे पर मौजूद मटिहानी प्रखंड के सिंहमा, बछवाड़ा और बलिया प्रखंड के दियारा इलाका गंगा नदी में समाती जा रही है. इस इलाके में सबसे ज्यादा खेती रैचा की होती है. लेकिन अब सरसों की खेती ठीक से नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से बेगूसराय में सरसों तेल की कीमतों में इजाफा होने की उम्मीद है. दियारा इलाके में 100 बीघा से अधिक जमीन गंगा में समा गई है.

खेती की जमीन गंगा में समा रही है : मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय जिले के बछवाड़ा, बलिया और मटिहानी प्रखंड दियारा इलाके में है. बात मटिहानी प्रखंड की करें तो गंगा कटाव के कारण सिर्फ सिंहमा दियारा में किसानों की सौ बीघा से अधिक जमीन गंगा में विलीन हो चुकी है. इसमें व्यापक पैमाने पर उपजाऊ जमीन भी शामिल हैं. यहां अब भी खेत में लगी सरसों सहित खेत में लगी अन्य फसलें भी गंगा में समा रही हैं. मटिहानी के दियारा इलाके के सदानंद सिंह ने कहा कि- 'मेरे पास 10 बीघा जमीन थी और कटाव के कारण अब सिर्फ 2 बीघा बचा है. यहां पर मौसम के अनुसार गेहूं और रैचा की खेती करते हैं.'

अवैध बालू खनन भी बन रहा कटाव का कारण : मटिहानी के अंचल अधिकारी मनीष कुमार के द्वारा स्थानीय लोगों की भूमि को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. स्थानीय सिंहमा के मुखिया और ठेकेदार बम बम सिंह ने बताया कि गंगा में हो रहे कटाव का बड़ा कारण इस क्षेत्र में बालू व मिट्टी का बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध खनन है. यहां न सिर्फ दियारा इलाके बल्कि आबादी से काफी कम दूरी के क्षेत्र में भी धड़ल्ले से उजला बालू व मिट्टी का अवैध खनन आज भी हो रहा है.

'अवैध खनन के कारोबारी सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात के अंधेरे में भी खनन को अंजाम दे रहे हैं. अवैध खनन के इस कार्य में जेसीबी मशीन तक का उपयोग हो रहा है और दर्जनों ट्रैक्टर बालू व मिट्टी ढोने में लगा रहता है. कटाव के पीछे का मुख्य कारण अवैध खनन है. अवैध खनन स्थान पर गंगा का कटाव करना शुरु कर देती है. अवैध खनन और उसको चलाने वाले माफिया बेलगाम होकर अवैध खनन कर रहे हैं.' - बम बम सिंह, मुखिया

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