बेगूसराय: जिले में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्षी पार्टियों के बाद अब राज्य सरकार की सहयोगी पार्टी बीजेपी ने भी मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने न सिर्फ फोन पर बेगूसराय के एसपी को खरी-खोटी सुनाई बल्कि यह धमकी भी दी कि नीतीश कुमार से पूछिए क्या हम त्यागपत्र देकर यहां से चले जाएं.
एसपी अवकाश ने मांगा सबूत
गिरिराज सिंह की खरी-खोटी वाली वीडियो जब वायरल हुई तो एसपी अवकाश कुमार गिरिराज सिंह से उन पर लगाए गए आरोप के सबूत मांगे. एसपी ने कहा कि न्यायालय के वकील या न्यायालय से जुड़े लोगों पर अगर हमला होता तब भी क्या न्यायालय जमानत दे देती?
इसके बाद एसपी के इस बयान को अधिवक्ता संघ ने न्याय प्रणाली को चुनौती देने वाला कदम बताया है. साथ ही आरोप लगाया है कि बेगूसराय के कई थाने शराब कारोबारियों से मिले हुए हैं. यही कारण है कि अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
'एसपी का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'
इस बाबत अधिवक्ता संघ के अमरेंद्र कुमार अमर जो सांसद गिरिराज सिंह के सांसद प्रतिनिधि भी हैं, उन्होंने बेबाक शब्दों में कहा कि जब जनता पीड़ित होगी, हत्याएं होंगी तो कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिवक्ता चुप नहीं बैठेगा. सवाल खड़ा करना उनका उत्तरदायित्व है, जो वो करेंगे ही. लेकिन, एसपी का यह बयान कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
क्या पूरा मामला
गौरतलब है कि बीते दिनों फुलवरिया थाना इलाके में युवक प्रिंस कुमार की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी. जहां पुलिस इसे एक दुर्घटना बता रही है, वहीं परिजन इसे हत्या बता रहे हैं. प्रिंस के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मृतक के परिजनों ने एसपी ऑफिस के बाहर हंगामा भी किया था. इस दौरान नगर थाना पुलिस और परिजनों में नोकझोंक भी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिजनों पर केस दर्ज कर मृतक के दादी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.
अधिवक्ता ने जताया विरोध
मामले में कोर्ट ने सभी को जमानत पर रिहा कर दिया. इसी प्रकरण को लेकर गिरिराज सिंह ने एसपी को खड़ी खोटी सुनाई थी. इसके खिलाफ एसपी ने प्रेस कोंनफ्रेन्स कर ये बयान दिया था जिसमें ये कहा गया कि झड़प की घटना न्यायालय कर्मी या अधिवक्ता के साथ होती तब भी न्यायालय जमानत दे देती. जिसपर अधिवक्ता संघ ने विरोध जताया है.