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पूर्व मंत्री भोला सिंह की जयंती पर बोले कार्यकर्ता- लोगों को खल रही है उनकी कमी - former MP and BJP leader Bhola Singh

50 साल से भी अधिक का राजनीतिक जीवन जीने वाले भोला सिंह एक प्रखर वक्ता थे. अपनी बेबाकी के लिए वह काफी चर्चित रहे. भोला सिंह वही नेता थे जो आम जन मानस के लिए दल की मर्यादा को तोड़ते हुए पार्टी के खिलाफ भी बोला करते थे.

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पूर्व मंत्री भोला सिंह की जयंती
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Published : Jan 4, 2020, 10:25 AM IST

बेगूसरायः बिहार के जाने-माने राजनीतिज्ञ, पूर्व सांसद और मंत्री भोला सिंह की 81वीं जयंती पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया. जिला बीजेपी की और से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल का वितरण भी किया.

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मरीजों को फल बांटते बीजेपी कार्यकर्ता

'आज भी वह जन जन के नेता हैं'
भोला सिंह को याद करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि भोला सिंह के जाने से बेगूसराय में राजनीतिक शून्यता आयी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भोला सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन आज भी वह जन जन के नेता हैं. उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक प्रखर राजनेता की कमी लोगों को खल रही है.

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मरीजों के बीच भोला सिंह की बहू वीणा सिंह

छात्र आंदोलन से राजनीति में आए भोला सिंह
बता दें कि 50 साल से भी अधिक का राजनीतिक जीवन जीने वाले भोला सिंह एक प्रखर वक्ता थे. अपनी बेबाकी के लिए वह काफी चर्चित रहे. भोला सिंह वही नेता थे जो आम जन मानस के लिए दल की मर्यादा को तोड़ते हुए पार्टी के खिलाफ भी बोला करते थे. कॉलेज शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले भोला बाबू 1965-67 के बाद छात्र आंदोलन से राजनीति में आए थे.

जानकारी देते संवाददाता

ये भी पढ़ेंः बेगूसराय से शुरू होगी CM के छठे चरण की हरियाली यात्रा, इन जिलों की लेंगे ग्राउंड रिपोर्ट

1967 में पहली बार बने निर्दलीय विधायक
भोला सिंह वर्ष 1967 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे. उसके बाद 1972 में सीपीआई 1977 1980 और 1985 में कांग्रेस के विधायक रहे. फिर वर्ष 2000 और 2005 में बीजेपी की टिकट पर सांसद बने थे. बिहार में गृह राज्य मंत्री, विधानसभा के उपाध्यक्ष और नगर विकास मंत्री भी रहे थे. लोगों की मानें तो उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक शुन्नता आई है.

बेगूसरायः बिहार के जाने-माने राजनीतिज्ञ, पूर्व सांसद और मंत्री भोला सिंह की 81वीं जयंती पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया. जिला बीजेपी की और से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल का वितरण भी किया.

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मरीजों को फल बांटते बीजेपी कार्यकर्ता

'आज भी वह जन जन के नेता हैं'
भोला सिंह को याद करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि भोला सिंह के जाने से बेगूसराय में राजनीतिक शून्यता आयी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भोला सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन आज भी वह जन जन के नेता हैं. उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक प्रखर राजनेता की कमी लोगों को खल रही है.

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मरीजों के बीच भोला सिंह की बहू वीणा सिंह

छात्र आंदोलन से राजनीति में आए भोला सिंह
बता दें कि 50 साल से भी अधिक का राजनीतिक जीवन जीने वाले भोला सिंह एक प्रखर वक्ता थे. अपनी बेबाकी के लिए वह काफी चर्चित रहे. भोला सिंह वही नेता थे जो आम जन मानस के लिए दल की मर्यादा को तोड़ते हुए पार्टी के खिलाफ भी बोला करते थे. कॉलेज शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले भोला बाबू 1965-67 के बाद छात्र आंदोलन से राजनीति में आए थे.

जानकारी देते संवाददाता

ये भी पढ़ेंः बेगूसराय से शुरू होगी CM के छठे चरण की हरियाली यात्रा, इन जिलों की लेंगे ग्राउंड रिपोर्ट

1967 में पहली बार बने निर्दलीय विधायक
भोला सिंह वर्ष 1967 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे. उसके बाद 1972 में सीपीआई 1977 1980 और 1985 में कांग्रेस के विधायक रहे. फिर वर्ष 2000 और 2005 में बीजेपी की टिकट पर सांसद बने थे. बिहार में गृह राज्य मंत्री, विधानसभा के उपाध्यक्ष और नगर विकास मंत्री भी रहे थे. लोगों की मानें तो उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक शुन्नता आई है.

Intro:रेडी to अपलोड ।
भोला सिंह के नही रहने से राजनीतिक शून्यता

पूर्व सांसद और मंत्री भोला सिंह की एक आज भी जयंती पर जिला में कई कार्यक्रम आयोजित ।

कार्यकर्ताओं ने मरीजों के बीच बांटे फल

बेगूसराय राजनीति के पुरोधा और बिहार के जाने-माने राजनीतिक पूर्व सांसद और मंत्री भोला सिंह का आज 81वा जयंती है । इस मौके पर जिला भाजपा के द्वारा आज कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इस अवसर पर आज भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल का वितरण भी किया । इस मौके पर कार्यकर्ताओं का मानना है कि भोला सिंह के जाने से बेगूसराय में राजनीतिक शून्यता आइ है ।






Body:बिहार की राजनीति का जाना माना चेहरा भोला सिंह की आज 81वा जयंती है । 50 साल से भी अधिक राजनीतिक जीवन जीने वाले भोला सिंह प्रखर वक्ता थे अपनी बेबाकी के लिए वह काफी चर्चित रहे हैं । भोला सिंह वही नेता थे जो आम जन मानस के लिए दल की मर्यादा को तोड़ते हुए पार्टी के खिलाफ भी बोला करते थे । कॉलेज शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले भोला बाबू 1965 - 67 के बाद छात्र आंदोलन से राजनीति में आए थे । इस दौरान वो 8 बार विधायक और दो बार सांसद चुने गए इस दौरान वह 3 विभागों के मंत्री भी थे । कांग्रेस के रामनारायण चौधरी व कम्युनिस्ट नेता बासुदेव सिंह को पराजित कर वह राजनीति में अपना लोहा मनवा चुके थे ।बेगूसराय के इतिहास पर शोध ग्रंथ लिखकर उन्होंने पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की थी । भोला सिंह का जन्म 3 जनवरी 1939 को गढ़पुरा प्रखंड के दूल्हे गांव में हुआ था आंख मूंदकर फराटे दार हिंदी बोलने वाले भोला सिंह बिहार के वरिष्ठ राजनेताओं में से एक थे वर्ष 1967 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे उसके बाद 1972 में सीपीआई 1977 1980 और 1985 में कांग्रेस के विधायक रहे । फिर बर्ष 2000 और 2005 में सांसद बने थे । बिहार में गृह राज्य मंत्री, विधानसभा के उपाध्यक्ष और नगर नगर विकास मंत्री भी थे । लोगों की मानें तो उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक सुन्नता आई है ।

टिक टैक


Conclusion:एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भोला सिंह आज भले ही हमारे बीच ना हो पर वे आज भी जन जन के नेता है । उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक प्रखर राजनेता की कमी लोगो को खल रही है ।

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