बेगूसरायः बिहार के जाने-माने राजनीतिज्ञ, पूर्व सांसद और मंत्री भोला सिंह की 81वीं जयंती पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया. जिला बीजेपी की और से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय के सदर अस्पताल में मरीजों के बीच फल का वितरण भी किया.
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'आज भी वह जन जन के नेता हैं'
भोला सिंह को याद करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि भोला सिंह के जाने से बेगूसराय में राजनीतिक शून्यता आयी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भोला सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन आज भी वह जन जन के नेता हैं. उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक प्रखर राजनेता की कमी लोगों को खल रही है.
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छात्र आंदोलन से राजनीति में आए भोला सिंह
बता दें कि 50 साल से भी अधिक का राजनीतिक जीवन जीने वाले भोला सिंह एक प्रखर वक्ता थे. अपनी बेबाकी के लिए वह काफी चर्चित रहे. भोला सिंह वही नेता थे जो आम जन मानस के लिए दल की मर्यादा को तोड़ते हुए पार्टी के खिलाफ भी बोला करते थे. कॉलेज शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले भोला बाबू 1965-67 के बाद छात्र आंदोलन से राजनीति में आए थे.
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1967 में पहली बार बने निर्दलीय विधायक
भोला सिंह वर्ष 1967 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे. उसके बाद 1972 में सीपीआई 1977 1980 और 1985 में कांग्रेस के विधायक रहे. फिर वर्ष 2000 और 2005 में बीजेपी की टिकट पर सांसद बने थे. बिहार में गृह राज्य मंत्री, विधानसभा के उपाध्यक्ष और नगर विकास मंत्री भी रहे थे. लोगों की मानें तो उनके जाने के बाद बेगूसराय की राजनीति में एक शुन्नता आई है.