बेगूसराय: बुधवार को सदर एसडीओ संजीव कुमार और बिहार टैंकर एसोसिएशन के डेलीगेट के बीच एक बैठक अनुमंडल कार्यालय में की गई. इस बैठक में टेंडर संख्या बल्क पोल 17/22 में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में लंबित समस्याओं को लेकर चर्चा की गई.
समस्याओं से जूझ रहे ट्रांसपोर्टर्स
इस मौके पर मोहम्मद मासूम खान अध्यक्ष समय की पुकार ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. लेकिन इसका निदान करने वाला कोई सक्षम पदाधिकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन मार्केटिंग डिविजन के बीएसओ (BSO) की ओर से बरौनी से 65 पार्टियों का सप्लाई प्वाइंट पटना कर दिया गया है.
जिस कारण टैंकर्स नहीं चल पा रही है. पूरे महीने में हजार किलोमीटर चलकर दम तोड़ दे रही है. गाड़ी का किस्त पेपर और मेंटेनेंस के लिए ट्रांसपोर्टर्स पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. मोहम्मद मासूम खान ने कहा कि बहुत सारी गाड़ियां रिप्लेसमेंट वर्क आर्डर नहीं मिलने के कारण खड़ी है.
कंपनी के साथ वार्ता
बिहार स्टेट ऑफिस में कई ट्रांसपोर्टर्स की लंबित समस्याओं पर सकारत्मक कार्रवाई नहीं करने के कारण 16 सितंबर 2020 को एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया गया. इस दौरान संजीव कुमार अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देशानुसार कंपनी के साथ वार्ता की गई और अपनी समस्याओं से अवगत कराया. लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम या सूचना प्राप्त नहीं हुआ है.
ऑयल कॉरपोरेशन से की बात
इस मौके पर उमेश सिंह ने कहा कि मेरी कई महीनों से गाड़ी रिप्लेसमेंट वर्क आर्डर के लिए खड़ी है. मेरी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है. गाड़ी नहीं चलने के कारण मुझे आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. एसडीओ ने विस्तार से बिहार टैंकर एसोसिएशन के डेलीगेट की बातें सुनी. उसके बाद उन्होंने प्रभाकर कुमार डीजीएम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से बात की और कहा कि ट्रांसपोर्ट की समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए.
समस्या का जल्द हो समाधान
इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रभाकर कुमार डीजीएम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को दिशा-निर्देश दिया कि जल्द से जल्द एक डेट तय करके इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और बिहार टैंकर एसोसिएशन के पदाधिकारी के बीच एक वार्ता मेरे कार्यालय बेगूसराय में किया जाए.
इस मौके पर सदर एसडीओ बेगूसराय से मुलाकात के बाद टैंकर एसोसिएशन के लोगों ने उम्मीद जाहिर की है कि उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा. ऐसा नहीं होने पर वो अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे.