बेगूसराय: जिले में युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है. खासकर एथलेटिक्स के क्षेत्र में कई युवाओं ने हाल के वर्षों में राज्य स्तरीय और राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में बेगूसराय का लोहा मनवाया है. बावजूद इसके दुखद पहलू यह है कि जिला मुख्यालय में एक भी स्टेडियम ऐसा नहीं है जो खिलाड़ियों के अनुरूप और मानदंडों पर खरा उतरता हो. जिला में एक गांधी स्टेडियम है भी तो उस पर जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों के कार्यक्रम लगातार होते रहते हैं, जिससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी होती है.
राजनीतिक दलों के कार्यक्रम के लिए है पसंदीदा जगह
जिला मुख्यालय स्थित वर्षों पूर्व निर्मित गांधी स्टेडियम का निर्माण जिले के युवा प्रतिभावान खिलाड़ियों के खेलने और प्रैक्टिस के लिए किया गया था. लेकिन धीरे-धीरे प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह स्टेडियम खिलाड़ियों के उपयोग में कम जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों के कार्यक्रम के लिए पसंदीदा जगह बन गया. इस वजह से अब खिलाड़ी इस फील्ड पर अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं.
स्टेडियम बना पशुओं का चारागाह
एक तरफ जहां लगातार राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रमों के कारण मैदान की स्थिति बद से बदतर हो गई है. मैदान में जगह-जगह कचरे का अंबार लगा रहता है. वहीं दूसरी ओर आवारा पशुओं के चारागाह के रूप में यह मैदान तब्दील होकर रह गया है. इससे यहां के लोग काफी आहत हैं. युवा खिलाड़ी और संघ के लोग गांधी स्टेडियम की दुर्दशा से काफी आहत हैं और उनकी मांग है कि अविलम्ब प्रशासन इस स्टेडियम की मरम्मत कराकर खिलाड़ियों को सौंपे.
खेल अधिकारी का क्या है कहना
वहीं खेल अधिकारी से इस बाबत जब बात की गई तो उन्होंने गांधी स्टेडियम पर प्रशासन के अघोषित कब्जे के आरोप को सिरे से नकार दिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि स्टेडियम की मरम्मत और सुंदरता के लिए पैसे रखे हैं. इस वित्तीय वर्ष में इस पर काम किया जाएगा.