बेगूसराय: जनसंख्या के दृष्टिकोण से बेगूसराय जिला काफी बड़ा माना जाना जाता है. इसमें 18 प्रखंड, पांच नगर इकाई की कुल आबादी तीस लाख से भी ज्यादा है. जबकि सालाना 5 से 10 हजार शादियां होती हैं. लेकिन जिले में सरकारी आंकड़ों में शादियों के निबंधन की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. बीते साल 2019 में मात्र 157 विवाह निबंधन के आवेदन मिले, जिनका रजिस्ट्रेशन किया गया.
जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार ने इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि विवाह के निबंधन के लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. प्रचार-प्रसार के बाद भी लोग शादियों के निबंधन को लेकर गंभीर नहीं हैं. राकेश कुमार के मुताबिक जो लोग इसके फायदे के बारे में जानते हैं, शादी का निबंधन कराते हैं. अन्यथा विभिन्न स्थानों पर मैरिज सर्टिफिकेट की मांग होने पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचते हैं. लेकिन आम लोगों की बात करें तो शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रति उनका कोई झुकाव नहीं है.
विवाह निबंधन सर्टिफिकेट कई कार्यों में अनिवार्य
वहीं, निबंधन कार्यालय में गुरुवार को एक नव दंपति को मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया गया. भारतीय सेना के जवान राजेश कुमार ने इसकी महत्ता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सरकारी सेवा, विदेश भ्रमण से लेकर कोई भी वैध कागजी काम में विवाह निबंधन सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है. इस मौके पर जवान ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से विवाह का निबंधन कराने की अपील की.
महिलाओं में जागरुकता फैलाने की जरूरत
जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार के मुताबिक सरकार और प्रशासन की तरफ से प्रचार-प्रसार के बावजूद भी लोग इसके महत्व को समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने खासतौर पर महिलाओं में जागरुकता फैलाने की बात कही. जिला निबंधन पदाधिकारी के मुताबिक तलाक, दूसरी शादी, संपत्ति के बंटवारे में निबंधित शादी के कागजात काफी जरूरी है. इन वैध कागजात के आधार पर महिलाएं पति की कानून उत्तराधिकारी होती हैं.