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बेगूसराय में मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर गंभीर नही हैं लोग, सेना के एक जवान ने बताया महत्व

बेगूसराय जिले में पिछले एक वर्ष में मात्र 157 शादियों का निबंधन हुआ. निबंधन विभाग का मानना है कि आमतौर पर लोग रजिस्ट्रेशन के प्रति गंभीर नहीं है. वैसे लोग ही शादी का निबंधन कराते हैं, जिन्हें निबंधन प्रमाण पत्र की जरूरत होती है.

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दंपति
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Published : Jan 16, 2020, 10:35 PM IST

बेगूसराय: जनसंख्या के दृष्टिकोण से बेगूसराय जिला काफी बड़ा माना जाना जाता है. इसमें 18 प्रखंड, पांच नगर इकाई की कुल आबादी तीस लाख से भी ज्यादा है. जबकि सालाना 5 से 10 हजार शादियां होती हैं. लेकिन जिले में सरकारी आंकड़ों में शादियों के निबंधन की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. बीते साल 2019 में मात्र 157 विवाह निबंधन के आवेदन मिले, जिनका रजिस्ट्रेशन किया गया.

जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार ने इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि विवाह के निबंधन के लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. प्रचार-प्रसार के बाद भी लोग शादियों के निबंधन को लेकर गंभीर नहीं हैं. राकेश कुमार के मुताबिक जो लोग इसके फायदे के बारे में जानते हैं, शादी का निबंधन कराते हैं. अन्यथा विभिन्न स्थानों पर मैरिज सर्टिफिकेट की मांग होने पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचते हैं. लेकिन आम लोगों की बात करें तो शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रति उनका कोई झुकाव नहीं है.

begusarai
सेना के जवान राजेश कुमार

विवाह निबंधन सर्टिफिकेट कई कार्यों में अनिवार्य
वहीं, निबंधन कार्यालय में गुरुवार को एक नव दंपति को मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया गया. भारतीय सेना के जवान राजेश कुमार ने इसकी महत्ता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सरकारी सेवा, विदेश भ्रमण से लेकर कोई भी वैध कागजी काम में विवाह निबंधन सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है. इस मौके पर जवान ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से विवाह का निबंधन कराने की अपील की.

मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करते सेना के जवान

महिलाओं में जागरुकता फैलाने की जरूरत
जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार के मुताबिक सरकार और प्रशासन की तरफ से प्रचार-प्रसार के बावजूद भी लोग इसके महत्व को समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने खासतौर पर महिलाओं में जागरुकता फैलाने की बात कही. जिला निबंधन पदाधिकारी के मुताबिक तलाक, दूसरी शादी, संपत्ति के बंटवारे में निबंधित शादी के कागजात काफी जरूरी है. इन वैध कागजात के आधार पर महिलाएं पति की कानून उत्तराधिकारी होती हैं.

बेगूसराय: जनसंख्या के दृष्टिकोण से बेगूसराय जिला काफी बड़ा माना जाना जाता है. इसमें 18 प्रखंड, पांच नगर इकाई की कुल आबादी तीस लाख से भी ज्यादा है. जबकि सालाना 5 से 10 हजार शादियां होती हैं. लेकिन जिले में सरकारी आंकड़ों में शादियों के निबंधन की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. बीते साल 2019 में मात्र 157 विवाह निबंधन के आवेदन मिले, जिनका रजिस्ट्रेशन किया गया.

जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार ने इस संबंध में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि विवाह के निबंधन के लिए प्रशासनिक स्तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. प्रचार-प्रसार के बाद भी लोग शादियों के निबंधन को लेकर गंभीर नहीं हैं. राकेश कुमार के मुताबिक जो लोग इसके फायदे के बारे में जानते हैं, शादी का निबंधन कराते हैं. अन्यथा विभिन्न स्थानों पर मैरिज सर्टिफिकेट की मांग होने पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचते हैं. लेकिन आम लोगों की बात करें तो शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रति उनका कोई झुकाव नहीं है.

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सेना के जवान राजेश कुमार

विवाह निबंधन सर्टिफिकेट कई कार्यों में अनिवार्य
वहीं, निबंधन कार्यालय में गुरुवार को एक नव दंपति को मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया गया. भारतीय सेना के जवान राजेश कुमार ने इसकी महत्ता के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सरकारी सेवा, विदेश भ्रमण से लेकर कोई भी वैध कागजी काम में विवाह निबंधन सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है. इस मौके पर जवान ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से विवाह का निबंधन कराने की अपील की.

मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करते सेना के जवान

महिलाओं में जागरुकता फैलाने की जरूरत
जिला निबंधन पदाधिकारी राकेश कुमार के मुताबिक सरकार और प्रशासन की तरफ से प्रचार-प्रसार के बावजूद भी लोग इसके महत्व को समझ नहीं पा रहे हैं. उन्होंने खासतौर पर महिलाओं में जागरुकता फैलाने की बात कही. जिला निबंधन पदाधिकारी के मुताबिक तलाक, दूसरी शादी, संपत्ति के बंटवारे में निबंधित शादी के कागजात काफी जरूरी है. इन वैध कागजात के आधार पर महिलाएं पति की कानून उत्तराधिकारी होती हैं.

Intro:एंकर- बेगूसराय जिले में शादियों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा बद से बदतर है।एक वर्ष में वैसे तो हजारों शादियां होती हैं लेकिन सरकारी रजिस्ट्रेशन के आधार पर बात करें तो बीते वर्ष मात्र 157 शादियां हुई ।निबंधन विभाग यह मानता है कि आमतौर पर लोग शादियों के रजिस्ट्रेशन के प्रति गंभीर नहीं हैं सिर्फ वैसे ही लोग रजिस्ट्रेशन कराने आते हैं जिन्हें किसी कार्यालय द्वारा निबंधन प्रमाण पत्र मांगा जाता है या बाध्यता होती है।


Body:vo- बेगूसराय जिला आबादी के हिसाब से बहुत बड़ा जिला माना जाता है 18 प्रखंड पांच नगर इकाई की कुल आबादी तीस लाख से भी ज्यादा है। ऐसे में अनुमानतः 1 वर्ष में 5 से 10 हजार शादियां होती हैं लेकिन बात सरकारी स्तर पर शादियों के निबंधन की करें तो सरकारी आंकड़ा बद से बदतर है। बीते वर्ष 2019 में पूरे जिले से मात्र 157 विवाह निबंधन के आवेदन मिले और उनका रजिस्ट्रेशन किया गया ।
इस बाबत जिले के निबंधन अधिकारी राकेश कुमार बताते हैं कि सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा लगातार विवाहों के निबंधन को लेकर जागरूकता और प्रचार-प्रसार किये जाने के बाद भी लोग शादियों के निबंधन को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। निबंधन विभाग में इतना कम निबंधन होना यह दर्शाता है कि विवाहों का निबंधन वैसे ही लोग कराने आते हैं जो शिक्षित हैं और विवाह निबंधन के फायदे जानते हैं, या वैसे लोग होते हैं जो विभिन्न स्थानों पर मैरिज सर्टिफिकेट की मांग होने पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचते हैं लेकिन आम लोगों की बात करें तो शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रति उनका कोई झुकाव नहीं है ।
वही निबंधन कार्यालय के द्वारा आज एक जोड़े को मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया गया इसमें युवक राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी सेवा में विवाह निबंधन सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है ,चाहे आप विदेश जाएं या कोई भी वैध कागजी काम करें तो शादियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य माना जाता है ,यही सोचकर हम लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और आम लोगों से भी अपील करते हैं कि वह जरूर विवाहों का निबंधन कराएं ।
बाइट -राजेश कुमार,नव दंपती
vo वही इस बाबत जिला निबंधन अधिकारी राकेश कुमार बताते हैं कि विवाहों के निबंधन की स्थिति काफी चिंताजनक है ।सरकार और प्रशासन के द्वारा ब्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार के बाबजूद भी लोग इसके महत्व को नही समझ पा रहे हैं।उन्होंने खासतौर पर महिलाओं को इसके प्रति जागरूक होने की सलाह दी उन्होंने कहा चाहे पति द्वारा तलाक का मुद्दा हो,दूसरी शादी का मामला हो ,संपत्ति बंटवारे का मामला हो आप तभी अपनी लड़ाई तब हीं लड़ सकती हो जब आपके पास ये सरकारी वैध कागजात हो कि आप अपने पति की उत्तराधिकारी हैं।
बाइट-राकेश कुमार, जिला निबंधन अधिकारी,बेगूसराय


Conclusion:fvo- इतना तय हैं कि जिस तरीके से सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत लोगों से अनिवार्य रूप से शादी निबंधन प्रमाण पत्र मांगा जाता है और शादी निबंधन प्रमाण पत्र देने के बाद ही अन्य सुविधाएं दी जाती हैं वैसे मैं आमलोगों को चाहिए कि शादियों के निबंधन के प्रति जागरूक हों और समाज के लोगों को इसके प्रति जागरूक करें।
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