बेगूसराय: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि और बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय में दुर्गा विसर्जन के दौरान गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली. शहर के पुराने दुर्गा मंदिर में सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ मिलकर नम आंखों से मां दुर्गा की प्रतिमा को विदाई दी.
सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल
पुरानी दुर्गा मंदिर में हुए नवरात्रि महोत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न सिर्फ विसर्जन में भाग लिया, बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर अपना सहयोग भी दिया. उनका कहना था कि दिनकर की इस घरती पर सालों से सामाजिक समरसता देखने को मिलती है. यहां दोनों समुदाय मिलाकर मेले का सफल आयोजन करते हैं.
एक दूसरे के धर्मों का करते हैं सम्मान
विसर्जन में भाग ले रहे लोगों का कहना था कि हमलोग एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं. मंदिर में जब देवी दुर्गा की आरती होती है तो मुस्लिम समुदाय के लोगों का सिर सजदे में झुक जाता है. तो वहीं, मस्जिद में अजान के समय पूजा पंडाल का स्पीकर बंद कर दिया जाता है. विसर्जन के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग जगह-जगह स्टॉल लगाकर पानी, चाय और बिस्कुट का इंतजाम करते हैं.
![विसर्जन में भाग लेते भक्त](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4704831_1-6.jpg)
मां को विदा कर मांगी सुख-समृद्धि की कामना
दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद मां दुर्गा की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं समेत हजारों श्रद्धालुओं नें भाग लिया. आस्था में डूबे लोगों ने मां अंबे को अगले साल फिर से आने का आमंत्रण दिया और नम आंखों से मां को विदा कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए थे. विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात थे.
![लोगों को पानी पिलाते मुस्लिम समुदाय के बच्चे](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4704831_1-4.jpg)