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दुर्गा विसर्जन के दौरान राष्ट्रकवि दिनकर की धरती पर देखने को मिली गंगा-जमुनी तहजीब - पानी, चाय और बिस्कुट

दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद मां दुर्गा की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं समेत हजारों श्रद्धालुओं नें भाग लिया. आस्था में डूबे लोगों ने मां अंबे को अगले साल फिर से आने का आमंत्रण दिया.

दिनकर की धरती पर के देखने को मिली गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल
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Published : Oct 10, 2019, 10:57 AM IST

Updated : Oct 10, 2019, 5:35 PM IST

बेगूसराय: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि और बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय में दुर्गा विसर्जन के दौरान गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली. शहर के पुराने दुर्गा मंदिर में सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ मिलकर नम आंखों से मां दुर्गा की प्रतिमा को विदाई दी.

सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल
पुरानी दुर्गा मंदिर में हुए नवरात्रि महोत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न सिर्फ विसर्जन में भाग लिया, बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर अपना सहयोग भी दिया. उनका कहना था कि दिनकर की इस घरती पर सालों से सामाजिक समरसता देखने को मिलती है. यहां दोनों समुदाय मिलाकर मेले का सफल आयोजन करते हैं.

देखें वीडियो.

एक दूसरे के धर्मों का करते हैं सम्मान
विसर्जन में भाग ले रहे लोगों का कहना था कि हमलोग एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं. मंदिर में जब देवी दुर्गा की आरती होती है तो मुस्लिम समुदाय के लोगों का सिर सजदे में झुक जाता है. तो वहीं, मस्जिद में अजान के समय पूजा पंडाल का स्पीकर बंद कर दिया जाता है. विसर्जन के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग जगह-जगह स्टॉल लगाकर पानी, चाय और बिस्कुट का इंतजाम करते हैं.

विसर्जन में भाग लेते भक्त
विसर्जन में भाग लेते भक्त

मां को विदा कर मांगी सुख-समृद्धि की कामना
दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद मां दुर्गा की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं समेत हजारों श्रद्धालुओं नें भाग लिया. आस्था में डूबे लोगों ने मां अंबे को अगले साल फिर से आने का आमंत्रण दिया और नम आंखों से मां को विदा कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए थे. विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात थे.

लोगों को पानी पिलाते मुस्लिम समुदाय के बच्चे
लोगों को पानी पिलाते मुस्लिम समुदाय के बच्चे

बेगूसराय: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि और बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि बेगूसराय में दुर्गा विसर्जन के दौरान गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली. शहर के पुराने दुर्गा मंदिर में सभी धर्मों के लोगों ने एक साथ मिलकर नम आंखों से मां दुर्गा की प्रतिमा को विदाई दी.

सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल
पुरानी दुर्गा मंदिर में हुए नवरात्रि महोत्सव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न सिर्फ विसर्जन में भाग लिया, बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर अपना सहयोग भी दिया. उनका कहना था कि दिनकर की इस घरती पर सालों से सामाजिक समरसता देखने को मिलती है. यहां दोनों समुदाय मिलाकर मेले का सफल आयोजन करते हैं.

देखें वीडियो.

एक दूसरे के धर्मों का करते हैं सम्मान
विसर्जन में भाग ले रहे लोगों का कहना था कि हमलोग एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं. मंदिर में जब देवी दुर्गा की आरती होती है तो मुस्लिम समुदाय के लोगों का सिर सजदे में झुक जाता है. तो वहीं, मस्जिद में अजान के समय पूजा पंडाल का स्पीकर बंद कर दिया जाता है. विसर्जन के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग जगह-जगह स्टॉल लगाकर पानी, चाय और बिस्कुट का इंतजाम करते हैं.

विसर्जन में भाग लेते भक्त
विसर्जन में भाग लेते भक्त

मां को विदा कर मांगी सुख-समृद्धि की कामना
दुर्गा पूजा संपन्न होने के बाद मां दुर्गा की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं समेत हजारों श्रद्धालुओं नें भाग लिया. आस्था में डूबे लोगों ने मां अंबे को अगले साल फिर से आने का आमंत्रण दिया और नम आंखों से मां को विदा कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए थे. विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात थे.

लोगों को पानी पिलाते मुस्लिम समुदाय के बच्चे
लोगों को पानी पिलाते मुस्लिम समुदाय के बच्चे
Intro:माँ अगले साल फिर वापस आना और बेगुसराय की सुख समृद्धि को आगे बढाना ।हिन्दू मुसलमान ,सिख या फिर हो ईसाई उनकी खुशियों में चार चांद लगाना । माँ वापस आना । यह उद्गार हैं आज उन भक्तों की जिन्होंने पूरे दस दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की और जब उनके बिदाई का बक्त आया तो उन्हें अगले साल फिर से आने का निमंत्रण भी दिया । साथ ही सभी धमो के लोगो के लिए सुख समृद्धि लाने की कामना की । इस दौरान आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिशाल भी देखने को मिली जब बड़ी संख्या में मुसलमानो ने इस पर्व में हिन्दुओ के कंधे से कंधा मिलाकर पूरी व्यवस्था में उनका साथ दिया । आज के भषान के दौरान मुश्लिम समुदाय के लोगो ने जगह जगह स्टॉल लगाकर हिन्दू श्रद्धालुओं के।लिए पीने का पानी , बिस्कुट और टॉफी बांटे । हिन्दुओ ने भी बिना भेदभाव के उनके सत्कार का सम्मान किया । बताते चले कि मुख्यबाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में बर्षो से हिन्दू और मुश्लिम एक साथ मिलकर एक दूसरे के त्योहार को मानते है । यहां के मुसलमानों में जहा हिन्दुओ का दिल धड़कता है वही हिंदुओ में मुशलमनो का दिल धड़कता है ।Body:माँ अगले साल फिर आना और बेगुसराय के लोगो की जिंदगी में खुशहाली लाना । इसी आशा और विश्वास के साथ लोगो ने आज माँ दुर्गा को अंतिम बिदाई दी । इस दौरान भारी संख्या में लोग माँ अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर खड़े रहे ।।इस दौरान लोग बड़ी ही श्रद्धा से जगह माँ की आरती उतारी और उनके चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया । इस दौरान लोगो मे पारंपरिक तरीके से गीत गाकर माँ दुर्गा को फिर से आने का निमंत्रण देकर विदा किया । बताते चले कि पुरानी दुर्गा मंदिर जहा मुस्लिम धर्म के के लोगो ने आपसी सौहार्द की मिशाल पेश की । दुर्गा पूजा के इस पावन पर्व पर मुसलमानों ने बड़ी ही श्रद्धा से पूरी व्यवस्था में हिन्दुओ के कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दिया । इस काम मे क्या बड़े क्या बूढ़े मुस्लिम समुदाय के बच्चो तक ने भाईचारे की मिशाल पेश की । सबसे बेहतर नजारा उस बक्त देखनेको।मिला जब भाषण के दौरान मुश्लिम समुदाई ने जगह जगह हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए स्टॉल लगाकर पानी , बिस्कुट और दूसरी बैबस्था करते देखे गए । इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी मुश्लिम समुदाय के लोगो द्वारा लगाए गए स्टॉल से अपनी प्यास बुझाई । आपसी भाईचारे और सौहार्द का एक मिशाल पेश करता ये नजारा एक सुंदर भारत की तस्वीर है । जहाँ जात पात और मजहब सिर्फ और सिर्फ प्यार के रिश्तों के लिए बना है इसका नमूना पेश किया । बताया जाता है कि काफी समय से हिन्दू और मुसलमान इस स्थान पर एक दूसरे के त्योहार को मिलजुल कर मनाते है । माँ दुर्गा की अंतिम बिदाई में लोगो ने माँ को अगले साल फिर आने का न्योता देकर उनसे सुख समृद्धि की कामना की । माँ दुर्गा के विसर्जन के दौरान पूरा पुलिस महकमा चुस्त और दूरुस्त नजर आया ।
बाइट - अरुण महतो
बाइट - मोहमद शाहबाज
बाइट - अब्दुल जब्बार
बाइट - सीताराम Conclusion:
Last Updated : Oct 10, 2019, 5:35 PM IST
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