बेगूसराय: इंसान के हौसलों में दम हो तो कामयाबी झक मार के आती है. ये कहावत बेगूसराय की अंजली कुमारी पर बिल्कुल सटीक बैठती है. अंजली कुमारी अरारोट एवं हर्बल रंगों से ऐसा गुलाल तैयार करती हैं जिससे स्किन को कोई नुकसान नहीं होता. ये गुलाल इस क्षेत्र में खासा मशहूर भी है. इस काम को अंजली व्यापारिक तौर पर करती हैं. वहीं, इस काम से ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाएं भी जुड़ी हैं. इससे महिलाएं स्वरोजगार होने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.
अंजली का कहना है कि होली के मौसम में ऐसे व्यापारी होते हैं जो पैसा कमाने की ललक में बाजारों में मिलावट वाले रंग बेचते हैं. इन रंगों के प्रयोग से लोगों के शरीर और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसे देखते हुए बेगूसराय की अंजली कुमारी अरारोट एवं हर्बल रंगों से गुलाल तैयार कर इसका व्यापार कर रही हैं. इतना ही नहीं अंजली कुमारी ग्रामीण महिलाओं को भी प्रशिक्षित कर रही हैं तथा उन्हें हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं. इससे कई महिलाएं स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ रही हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं. ग्रामीण महिलाएं अंजली के प्रशिक्षण से काफी खुश हैं.
महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर
अंजली कुमारी की मानें तो समाज के लिए हर व्यक्ति को कुछ ना कुछ योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि त्रिवेणी ग्रामीण संस्था के सहयोग से अभी इन महिलाओं को अबीर-गुलाल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और आगे भी इन्हें विभिन्न कुटीर उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अंजली कुमारी ने बताया कि इस हर्बल गुलाल से ना ही स्किन खराब होगा और ना ही सर दर्द या अन्य किसी तरह की शारीरिक समस्या आयेगी. अंजली कुमारी आज अपने आप में एक ब्रांड बन गई हैं. उनके टीम द्वारा बनाए गये इस प्रोडक्ट को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं.
महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर
अंजली ने बताया कि समय-समय पर वह विभिन्न तरह के कुटीर उद्योगों के बारे में ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण देती हैं. जिससे समाज के लोग यह भली-भांति समझ लें कि महिलाएं कमजोर नहीं हैं. महिलाएं परिवार के लिए शक्ति और सम्बल स्वरूप है. फिलवक्त जो भी हो ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की अंजली कुमारी की ये पहल कहीं ना कहीं आत्मसात करने वाली है. जिस तरीके से अंजली कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने का संकल्प लिया भविष्य में महिलाओं के सशक्तिकरण में यह मील का पत्थर साबित होगा.