बेगूसराय: चेरियाबरियारपुर प्रखंड के विक्रमपुर गांव में नवरात्र के मौके पर मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के प्रति लोगों की आस्था दूर-दूर तक प्रसिद्ध है.
मान्यताओं के हिसाब से इस गांव में प्रतिदिन फूल और बेलपत्र से मां दुर्गा की आकृति बनाकर पूजा की जाती है. गांव में फूल और बेलपत्र जमा करने को लेकर विशेष उत्साह देखा जाता है. लोगों के हिसाब से यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है.
पूजा देखने दूर-दूर से पहुंचते हैं श्रद्धालु
बेगूसराय में नवरात्र की विशेष पूजा के लिए चर्चित विक्रमपुर गांव माता के भक्तिरस में सराबोर हो गया है. रोजना मां की आकृति बनाने के लिए फूल-बेलपत्र इकट्ठा करने में गांव वालों का उत्साह देखते ही बनता है. मां की आकृति के साथ वैदिक रीति से होने वाली पूजा देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.
प्रारंभ की कहानी
लगभग सवा सौ वर्ष पूर्व जयमंगलागढ़ में पहले बलि प्रदान को लेकर पहसारा और विक्रमपुर गांव के जलेबारों में ठन गई थी. तभी नवरात्र के समय विक्रमपुर गांव के स्व. सरयुग सिंह के स्वप्न में मां जयमंगला ने आकर कहा नवरात्र के पहले पूजा से नवमी पूजा के बलि प्रदान तक विक्रमपुर गांव में रहूंगी. इसके पश्चात मैं गढ़ को लौट जाऊंगी.
क्यों है खास?
साथ ही देवी ने स्वप्न में ही पूजा विधि फूल, बेलपत्र से आकृति बनाकर धूप और गुंगुल से पूजा करने का उपाय भी बताया. तभी से यहां पर विशेष पद्धति से पूजा प्रारंभ हुई. आज भी गांव के लोग कोई शुभ कार्य प्रारंभ करने से पहले जयमंगलागढ़ जाकर मंदिर में माथा टेकते हैं.