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AICCTU ने PM और कानून मंत्री का पुतला फूंका, श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन

श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ एआईसीसीटीयू का दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा. कार्यकर्ताओं ने संशोधन के विरोध में हाथों में स्लोगन लिखे पोस्टर के साथ अपना विरोध दर्ज कराया.

श्रम कानून में संसोधन के खिलाफ प्रदर्शन
श्रम कानून में संसोधन के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : May 14, 2020, 10:36 AM IST

Updated : May 14, 2020, 3:45 PM IST

बेगूसराय: श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ दूसरे दिन भी ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन की ओर से कानून में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहा. बुधवार को एआईसीसीटीयू के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री संतोष गंगवार का पुतला फूंका. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने इनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन
बुधवार को सीपीएम कार्यालय में एक बार फिर श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन का दौर जारी रहा. इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने इस कानून के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं. वह भी ऐसे समय में जब देश मे 10 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी और कोरोना वायरस की वजह से मौत के शिकार हो रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'श्रमिकों के मौलिक अधिकार पर हमला'
नेताओं का मानना है कि श्रम कानून में संसोधन श्रमिकों के मौलिक अधिकार पर हमला मानव अधिकार से संबंधित है. इसलिए हम दुनिया के मानवाधिकार के इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हैं. इस दौरान नेताओं ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में मोदी सरकार मजदूरों पर लगातार हमला कर रही है. इसको हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे हम इसका विरोध करेंगे.

बेगूसराय: श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ दूसरे दिन भी ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन की ओर से कानून में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहा. बुधवार को एआईसीसीटीयू के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री संतोष गंगवार का पुतला फूंका. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने इनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन
बुधवार को सीपीएम कार्यालय में एक बार फिर श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन का दौर जारी रहा. इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने इस कानून के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रम मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं. वह भी ऐसे समय में जब देश मे 10 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी और कोरोना वायरस की वजह से मौत के शिकार हो रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'श्रमिकों के मौलिक अधिकार पर हमला'
नेताओं का मानना है कि श्रम कानून में संसोधन श्रमिकों के मौलिक अधिकार पर हमला मानव अधिकार से संबंधित है. इसलिए हम दुनिया के मानवाधिकार के इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हैं. इस दौरान नेताओं ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में मोदी सरकार मजदूरों पर लगातार हमला कर रही है. इसको हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे हम इसका विरोध करेंगे.

Last Updated : May 14, 2020, 3:45 PM IST
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