बेगूसराय: पूरा देश आज रामधारी सिंह दिनकर की 111 वीं जयंती मना रहा है. बेगूसराय की मिट्टी में जन्मे दिनकर आम जनमानस के कवि थे, जिनकी कविताएं लोगों के दिलों में अपना घर बना लेती हैं. प्रशासनिक महकमे से लेकर, साहित्यकार, पत्रकार और बुद्धिजीवियों के लिए यह दिन बेहद ही खास होता है.
लोग दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने स्वर्ण जयंती पुस्तकालय और दिनकर भवन खीचें चले आते हैं. इस दिन डीएम, एसपी, बुद्धिजीवि और साहित्यकार भी दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचते हैं.
साहित्यकारों को सम्मानित करने की परंपरा
रामधारी सिंह दिनकर सम्मान समारोह के सचिव अग्निशेखर ने बताया कि दिनकर के सम्मान में साहित्यकारों को सम्मनित करने की परंपरा चली आ रही है. वह हिंदी साहित्य जगत के ध्रुव तारा हैं जो सदियों तक लोगों को याद रहेंगे. उन्होंने हिंदी साहित्य में वह मुकाम हासिल किया जो अबके साहित्यकारों के लिए काफी कठिन है.
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'दिनकर गुदड़ी के लाल'
दिनकर को अपना आदर्श मानने वाले प्रखर साहित्यकार लेखक और प्रख्यात पत्रकार अग्निशेखर ने कहा कि दिनकर के सम्मान में 1993 से ही यहां दिनकर सम्मान समारोह का आयोजन होता आया है. उन्होंने एक मजदूर से लेकर किसान तक के लिए कविता लिखी है. वह गुदड़ी के लाल थे, जिन्होंने एक बेहद सामान्य घर में जन्म होने के बादजूद इस ऊंचाई को छुआ.