बांका: बिहार के बांका में बैंक लोन चुकाने के लिए सैकंड़ों लोगों के लिए वारंट जारी किया गया है. मामला बाराहाट प्रखण्ड के खड़हरा पंचायत अंतर्गत महादलित टोला चौबेडीह का है. यहां सैकड़ों लोगों को बैंक से ऋण चुकाने का वारंट जारी कर दिया गया है. बैंक द्वारा वारंट जारी होते ही बड़ी संख्या में लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. पुलिस के डर से महादलित टोले के ग्रामीण ज्यादातर पुरुष अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं. उनके घरों में केवल महिलाएं ही रह गई हैं, जिन्हें पुलिस से डर सता रहा है.
10 साल पहले का है मामला: अधिकांश पीड़ित परिवार की महिलाओं ने बताया कि लगभग दस साल पहले गांव के ही कुछ लोगों ने महादलित परिवारों को सरकारी मुआवजा दिलाने के नाम पर 5-5 हजार रुपये देकर कुछ कागजात लिए थे. जिसके तहत सभी परिवारों के ऊपर 50-50 हजार रुपये का केसीसी लोन निर्गत हुआ है. लोन की वसूली नहीं होने पर पहले नोटिस और अब गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है.
"हम लोग महादलित समुदाय से आते हैं जो पूरी तरह से भूमिहीन है और मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. कई साल पहले गांव के ही पंकज चौहान और दामोदर चौहान द्वारा सरकारी मुआवजा दिलाने के नाम कुछ कागज लेकर गए थे. इन दोनों लोगों ने सभी के घर पर 5- 5 हजार रुपये मुआवजे की रकम बांटी थी और उसे नहीं लौटाने का वादा भी किया था." - सुशीला देवी, पीड़ित परिवार
क्या कहते हैं शाखा के प्रबंधक: बैंक की तरफ से नोटिस और वारंट जारी होने के बाद सभी परिवारों के अधिकांश पुरुष गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए हैं. वभनगामा शाखा के प्रबंधक अमृतांशु कुमार ने बताया कि "10 साल पहले करीब 1 हजार लोगों को 3 लाख से लेकर 50 हजार रुपये तक का केसीसी लोन दिया गया था. जिसमें से 90 प्रतिशत लोगों द्वारा बैंक को पैसा नहीं लौटाया गया जोकि अब एनपीए हो चुका है. जिसकी वसूली के लिए बैंक की ओर से कार्रवाई की जा रही है."
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