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बांका व्यवहार न्यायालय: कोरोना में फिर वर्चुअल सुनवाई, आम लोगों का प्रवेश हुआ वर्जित

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए बांका व्यवहार न्यायलय में आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गयी है. सोमवार से वर्चुअल माध्यम से सिर्फ अनिवार्य जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी.

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बांका व्यवहार न्यायालय
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Published : Apr 10, 2021, 4:38 PM IST

बांका: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अब व्यवहार न्यायालय में आम लोगों के प्रवेश पर एक बार फिर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार व्यवहार न्यायालय में अब केवल वहां काम करने वाले कर्मी ही प्रवेश कर सकेंगे. बगैक मास्क के किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. इस मामले में बांका जिला जज बलराम दुबे ने आदेश जारी किया है.

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कोर्ट को वर्चुअल तरीके से चलाए जाने का निर्णय
कोरोना संक्रमण ने व्यवहार न्यायालय के काम को एक बार फिर से बाधित कर दिया है. व्यवहार न्यायालय परिसर के अंदर आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद शुक्रवार को तारीख पर आए लोग निराश होकर वापस लौट गए.

बांका न्यायालय के अधिवक्ता कौशल किशोर झा, राजेंद्र मिश्रा, श्री प्रसाद यादव, बलराम यादव ने बताया की कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोर्ट को वर्चुअल तरीके से चलाए जाने के निर्णय का हम स्वागत करते हैं.

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दो जून की रोटी जुटाना होगा मुश्किल
दूसरी ओर, अधिकांश अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी तारीख पर उपस्थित होने वाले लोगों से ही चलती है. लोगों की उपस्थिति ही नहीं होगी तो आमदनी के सारे रास्ते भी बंद हो जाएंगे. ऐसे में परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए जब तक कोरोना का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता सरकार अधिवक्ताओं को प्रतिदिन कम से कम 1 हजार रुपये की सहायता राशि देने की व्यवस्था करे.

बांका जिले में भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. कोर्ट बन्द होने से अधिवक्ता के साथ अधिवक्ता लिपिक, फोटो स्टेट, टाइपिस्ट, चाय की दुकान, कागज और फॉर्म के दुकान चलाने वालों को भी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा. शुक्रवार को एक साथ 18 मरीज मिलने के साथ यहां एक्टिव केस 47 तक पहुंच गयी है.

बांका: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अब व्यवहार न्यायालय में आम लोगों के प्रवेश पर एक बार फिर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार व्यवहार न्यायालय में अब केवल वहां काम करने वाले कर्मी ही प्रवेश कर सकेंगे. बगैक मास्क के किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. इस मामले में बांका जिला जज बलराम दुबे ने आदेश जारी किया है.

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कोर्ट को वर्चुअल तरीके से चलाए जाने का निर्णय
कोरोना संक्रमण ने व्यवहार न्यायालय के काम को एक बार फिर से बाधित कर दिया है. व्यवहार न्यायालय परिसर के अंदर आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद शुक्रवार को तारीख पर आए लोग निराश होकर वापस लौट गए.

बांका न्यायालय के अधिवक्ता कौशल किशोर झा, राजेंद्र मिश्रा, श्री प्रसाद यादव, बलराम यादव ने बताया की कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोर्ट को वर्चुअल तरीके से चलाए जाने के निर्णय का हम स्वागत करते हैं.

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दो जून की रोटी जुटाना होगा मुश्किल
दूसरी ओर, अधिकांश अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी तारीख पर उपस्थित होने वाले लोगों से ही चलती है. लोगों की उपस्थिति ही नहीं होगी तो आमदनी के सारे रास्ते भी बंद हो जाएंगे. ऐसे में परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए जब तक कोरोना का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता सरकार अधिवक्ताओं को प्रतिदिन कम से कम 1 हजार रुपये की सहायता राशि देने की व्यवस्था करे.

बांका जिले में भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. कोर्ट बन्द होने से अधिवक्ता के साथ अधिवक्ता लिपिक, फोटो स्टेट, टाइपिस्ट, चाय की दुकान, कागज और फॉर्म के दुकान चलाने वालों को भी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा. शुक्रवार को एक साथ 18 मरीज मिलने के साथ यहां एक्टिव केस 47 तक पहुंच गयी है.

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