बांकाः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे में काफी संख्या में मजदूर फंसे हुए हैं. इसमें बिहार के चार मजदूर शामिल हैं. बांका की आदिवासी महिला सुषमा हेमब्रम ने सीएम नीतीश कुमार से बेटे को वापस लाने की गुहार (Banka workers trapped in Uttarakhand accident) लगाई है. वीडियो जारी कर पीड़िता ने गुहार लगाई है कि उनके बेटे के कारण ही पूरा परिवार का खर्चा चलता है. उत्तराखंड के हादसे में फंसा हुआ है.
मैं सुषमा हेमब्रम ग्राम तेतरिया से बोल रही हूं. मेरा बेटा वीरेंद्र किस्कू उत्तराखंड के सुरंग में फंसा हुआ हैं. उन्हीं के बदौलत हमारा घर द्वार चल रहा है. मैं सरकार से यही गुजारिश करती हूं कि मेरा बेटा सुरंग से निकल जाता है तो जल्द से जल्द घर वापस लाने की कृपा की जाए." -पीड़ित की मां
दिवाली के दिन हुआ हादसाः उत्तराखंड में दिवाली के दिन यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग धंस गया. इस टनल में 7 राज्यों के करीब 40 मजदूर फंसे हुए हैं. इसमें बिहार से 4 के अलावा, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, ओडिशा, असम के मजदूर फंसे हुए हैं. बिहारी मजदूरों में सबाह अहमद, पिता मिसबाह अहमद, भोजपुर बिहार, सोनू शाह, पिता स्वालिया शाह, बिहार, विरेंद्र किसकू, पिता मुनीलाल किसकू, बांका बिहार, सुशील कुमार और पिता राजदेव विश्वकर्मा, ग्राम चंदनपुर, लखीसराय बिहार शामिल हैं.
पोकलेन चलाने का काम करता है विरेंद्रः विरेंद्र किसकू मूल रूप से जयपुर थाना क्षेत्र के लकरामा पंचायत अंतर्गत तेतरिया गांव का रहने वाला है. पिता मुनीलाल किसकू रिटायर्ड पंचायत सेवक और मां सुषमा हेमब्रम जीविका दीदी हैं. उन्होंने बताया कि विरेंद्र किसकू इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी में पोकलेन चलाने का काम करता था. इसी दौरान हादसे में टनल में फंस गया है.
गांव वालों ने भी लगाई सरकार से गुहारः पिता मुनीलाल ने बताया कि उसे दो पुत्र हैं, जिसमें वीरेंद्र छोटा है. पिछले अगस्त महीना में ही काम करने के लिए गया था. उसे चार बच्चे हैं, जिसमें तीन लड़की व एक लड़का है. सुरंग में फंसे वीरेंद्र किस्कू के माता-पिता, पत्नी, सभी बच्चों के अलावा रिश्तेदारों ग्रामवासियों ने भी सरकार व प्रशासन से रेस्क्यू कराने बिहार लाने की मांग की है.
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