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विकास की किरणों से कोसों दूर बांका के दो गांव, वादा करके भूल गए विधायक

बांका में धोरैया विधानसभा क्षेत्र के सिंहपुर और चंद्रपूरा गांव में आजादी के बाद भी आज तक सड़क नहीं पहुंची है. इसको लेकर स्थानीय विधायक कई बार वादा कर चुके हैं. जिसे पूरा नहीं किया.

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Published : Sep 29, 2020, 6:47 PM IST

बांका
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बांका: जिले के धोरैया विधानसभा क्षेत्र के सिंहपुर और चंद्रपूरा गांव के ग्रामीण आजादी के बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं. इन दोनों गांव में अब तक सड़क नहीं पहुंची है. कई बार स्थानीय विधायक ने वादा तो किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है.

वादा कर भूल गए विधायक
गांव की सड़कें कीचड़मय हो चुकी है. मुख्य सड़क से गांव के दूरी दो किलोमीटर है. थोड़ी सी बारिश के बाद ग्रामीणों के सामने आवागमन की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है. धोरैया विधानसभा क्षेत्र में 'सुशासन बाबू' की पार्टी से ही मनीष कुमार पिछले 15 वर्षों से लगातार विधायक बने हुए हैं. लेकिन 15 वर्षों में भी विधायक सड़क नहीं बनवा पाए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि 15 वर्षों में एक बार भी विधायक गांव नहीं पहुंचे हैं.

हाथ में चप्पल लेकर चलने को मजबूर ग्रामीण
सिंहपुर गांव के ग्रामीण सिंटू कुमार ने बताया कि जब से होश संभाला है तब से समस्या से जूझ रहे हैं. इस गांव को सुविधा के नाम पर जनप्रतिनिधियों ने आज तक कुछ नहीं दिया है. सड़क पूरी तरह से बदतर है. बारिश के दिनों में विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है. हाथ में चप्पल लेकर कीचड़ में नंगे पांव चलना पड़ता है. बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं. सड़क बनवाने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन सांसद हो या विधायक किसी ने ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की.

सिर्फ वादा करते हैं नेता
ग्रामीण त्रिभुवन कुमार राय ने बताया कि सड़क पूरी तरह से गड्ढे के साथ-साथ कीचड़ में सनी हुई है. पक्की सड़क तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर तक कीचड़ से सने रास्ते पर चलना पड़ता है. बाइक तो छोड़िए साइकिल को कंधे पर लेकर ही पक्की सड़क तक जाना पड़ता है. नेता चुनाव के समय गांव आते हैं और सड़क बनवाने का आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं, लेकिन सड़क बनाने का जहमत नहीं उठाते हैं. स्थानीय विधायक मनीष कुमार गांव के आसपास आते हैं लेकिन इस गांव में कदम नहीं रखते हैं.

बांका: जिले के धोरैया विधानसभा क्षेत्र के सिंहपुर और चंद्रपूरा गांव के ग्रामीण आजादी के बाद भी विकास की रोशनी से कोसों दूर हैं. इन दोनों गांव में अब तक सड़क नहीं पहुंची है. कई बार स्थानीय विधायक ने वादा तो किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है.

वादा कर भूल गए विधायक
गांव की सड़कें कीचड़मय हो चुकी है. मुख्य सड़क से गांव के दूरी दो किलोमीटर है. थोड़ी सी बारिश के बाद ग्रामीणों के सामने आवागमन की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है. धोरैया विधानसभा क्षेत्र में 'सुशासन बाबू' की पार्टी से ही मनीष कुमार पिछले 15 वर्षों से लगातार विधायक बने हुए हैं. लेकिन 15 वर्षों में भी विधायक सड़क नहीं बनवा पाए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि 15 वर्षों में एक बार भी विधायक गांव नहीं पहुंचे हैं.

हाथ में चप्पल लेकर चलने को मजबूर ग्रामीण
सिंहपुर गांव के ग्रामीण सिंटू कुमार ने बताया कि जब से होश संभाला है तब से समस्या से जूझ रहे हैं. इस गांव को सुविधा के नाम पर जनप्रतिनिधियों ने आज तक कुछ नहीं दिया है. सड़क पूरी तरह से बदतर है. बारिश के दिनों में विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है. हाथ में चप्पल लेकर कीचड़ में नंगे पांव चलना पड़ता है. बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं. सड़क बनवाने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन सांसद हो या विधायक किसी ने ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की.

सिर्फ वादा करते हैं नेता
ग्रामीण त्रिभुवन कुमार राय ने बताया कि सड़क पूरी तरह से गड्ढे के साथ-साथ कीचड़ में सनी हुई है. पक्की सड़क तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर तक कीचड़ से सने रास्ते पर चलना पड़ता है. बाइक तो छोड़िए साइकिल को कंधे पर लेकर ही पक्की सड़क तक जाना पड़ता है. नेता चुनाव के समय गांव आते हैं और सड़क बनवाने का आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं, लेकिन सड़क बनाने का जहमत नहीं उठाते हैं. स्थानीय विधायक मनीष कुमार गांव के आसपास आते हैं लेकिन इस गांव में कदम नहीं रखते हैं.

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