बांका: जिले में लोग कोरोना महामारी के साये में जी रहे हैं. रोजाना 50 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. गुरुवार को भी आधा दर्जन से अधिक लोगों ने कोरोना के चलते अपनी जान गंवा दी. इसमें पांच की मौत संदेहास्पद स्थिति में हो गई है.
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पांच लोगों की संदिग्ध अवस्था में मौत
गुरुवार को बांका बस स्टैंड में एक महिला की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. उनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे चला गया था. फुल्लीडुमर में एक शिक्षक की मौत हो गई. जब तक उनको अस्पताल पहुंचाया जाता तब तक उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. वहीं, रजौन भी तीन संदिग्ध की मौत से हड़कंप मच गया है.
मोरामा व राजावर गांव में बीमार दो व्यक्ति सहित रजौन बाजार के एक युवती की संदिग्ध अवस्था में मौत के बाद लोगों में हड़कंप मच गया है. प्रखंड क्षेत्रों में एक साथ तीन लोगों की मौत से लोग दहशत में है. आसपास के लोगों ने आशंका जाहिर की है कि उक्त लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से ही हुई है. अब तक जिले में करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत संदिग्ध अवस्था में हो चुकी है.
सरकारी अस्पतालों में नहीं है सिटी स्कैन की व्यवस्था
जिले में सिटी स्कैन कराने को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन की कोई व्यवस्था नहीं है. जांच में कमी और जानकारी के अभाव के चलते मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है.
गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचने पर इलाज की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हो पाती है कि मरीज की मौत हो जाती है. सबसे बड़ी समस्या यह कि जिले के किसी भी अस्पताल में सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं रहने से लोगों को परेशानी हो रही है. डॉक्टरों ने बताया है कि एंटीजन व आरटीपीसीआर से कोरोना पकड़ में नहीं आ रहा है. इसके लिए सिटी स्कैन जरूरी है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बांका के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि ऑक्सीजन लेवल कम होने पर ही सिटी स्कैन की सलाह दी जाती है.