बांका: अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के आह्वान पर सात सूत्री मांगों को लेकर जिले के तमाम डाक कर्मी एकदिवसीय हड़ताल पर चले गए. प्रधान डाकघर बांका के मुख्य गेट पर ताला जड़कर डाक कर्मियों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. डाक कर्मियों ने कहा कि सरकार की जो कर्मचारी विरोधी नीति है, उसको अविलंब वापस लिया जाए. भाजपा सरकार ने 2004 से बहाल होने वाले कर्मियों के लिए जो नई पेंशन स्कीम लागू किया है, उसको अविलंब वापस लेकर पुरानी पेंशन नीति को लागू करे.
कर्मचारी विरोधी नीति को बंद करे सरकार
बांका प्रधान डाकघर के डाकपाल घनश्याम शाह ने कहा कि पूरे देश के डाक कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल पर हैं. हमारी मांग है कि सरकार की जो कर्मचारी विरोधी नीति है, उसे अविलंब बंद किया जाए. डाक कर्मियों को जो महंगाई भत्ता प्रत्येक छह माह पर मिलता था. भाजपा की सरकार ने उसे जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक के लिए फ्रीज कर दिया है. इसको लेकर डाक कर्मचारियों में आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने निजीकरण को लेकर, जो मुहिम चलायी है. उसे तुरंत वापस लिया जाए क्योंकि कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. साथ ही बताया कि भाजपा की सरकार ने 2004 से जो कर्मचारी बहाल हो रहे हैं, उनके लिए नई पेंशन नीति लागू की है. इसको लेकर भी कर्मचारियों में आक्रोश है. हमारी मांग है कि इसे वापस लेकर पुरानी पेंशन नीति को लागू किया जाए.
भाजपा सरकार ने अटका के रखा है प्रमोशन
ग्रामीण डाक कर्मी सुमित कुमार ने बताया कि आज तक नियमित कर्मी का दर्जा नहीं मिल पाया है. सातवें वेतनमान में भी हमारी मांगों को तोड़-मरोड़ कर लागू किया गया. उसमें भी ग्रामीण डाक कर्मियों के कई मांगें बाकी हैं. भाजपा की सरकार ने प्रमोशन को भी लटका रखा है, जो कि सरकार के कर्मचारी विरोधी नीति को दर्शाता है. इन्हीं मांगों को लेकर जिले के तमाम डाक कर्मी हड़ताल पर हैं.