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841 प्रवासियों को लेकर राजकोट से बांका पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, यात्री बोले- रास्ते में नहीं मिला खाना - banka news

गुजरात से 881 प्रवासी मजदूरों को लेक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बांका पहुंची. याात्रियों के मुताबिक रास्ते में खाना और पीने के पानी की बहुत समस्या हुई.

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Published : May 23, 2020, 9:41 PM IST

बांका: जिले में ट्रेन के माध्यम से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है. अब तक लगभग 22 हजार से अधिक मजदूर बांका आ चुके हैं. शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन 881 प्रवासी मजदूरों को गुजरात के राजकोट से बांका लेकर पहुंची. इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बांका, सुपौल, मधुबनी, खगड़िया के अलावा झारखंड और बंगाल के प्रवासी मजदूर शामिल थे.

रेलवे स्टेशन पर सभी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गई और नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट किया गया. जिले के सभी श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बस से भेजा गया. श्रमिकों के आगमन को लेकर भारी संख्या में पुलिस के जवान रेलवे स्टेशन पर तैनात थे.

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बाहर से आए प्रवासी
ट्रेन में किराया देकर पहुंचे बांकाजामनगर से खगड़िया जाने के लिए बांका पहुंची सोनम कुमारी ने बताया कि ट्रेन का किराया वहीं ले लिया गया था. गुजरात में ही एक बार हल्का-फुल्का खाना मिला. उसके बाद खाने को कुछ नहीं मिला. वहीं, झारखंड के दुमका जाने वाले हिमांशु सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से ट्रेन में कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. खाने से लेकर पानी की समस्या बरकरार रही और ट्रेन भी काफी विलंब से यहां पहुंची है. जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
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रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्री

सिर्फ गुजरात में ही मिला एक बार खाना
गुजरात के राजकोट से आ रहे रणबीर कुमार गुप्ता ने बताया कि ट्रेन में आने के लिए कंपनी ने सीधे 1 हजार 500 रुपये मुहैया करा दिए थे, इसलिए अपने पॉकेट से नहीं लगा, लेकिन प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर सरकारी व्यवस्था नहीं के बराबर देखने को मिली. रास्ते में कोई सुविधा नहीं मिली. सिर्फ गुजरात में ही एक बार खाने को मिला. हालांकि सभी प्रवासियों को संबंधित जिले के क्वॉरेंटाइन में 14 दिनों तक रहना होगा. उसके बाद ही घर जाने की अनुमति मिलेगी.

बांका: जिले में ट्रेन के माध्यम से प्रवासी मजदूरों का आने का सिलसिला जारी है. अब तक लगभग 22 हजार से अधिक मजदूर बांका आ चुके हैं. शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन 881 प्रवासी मजदूरों को गुजरात के राजकोट से बांका लेकर पहुंची. इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बांका, सुपौल, मधुबनी, खगड़िया के अलावा झारखंड और बंगाल के प्रवासी मजदूर शामिल थे.

रेलवे स्टेशन पर सभी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की गई और नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट किया गया. जिले के सभी श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बस से भेजा गया. श्रमिकों के आगमन को लेकर भारी संख्या में पुलिस के जवान रेलवे स्टेशन पर तैनात थे.

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बाहर से आए प्रवासी
ट्रेन में किराया देकर पहुंचे बांकाजामनगर से खगड़िया जाने के लिए बांका पहुंची सोनम कुमारी ने बताया कि ट्रेन का किराया वहीं ले लिया गया था. गुजरात में ही एक बार हल्का-फुल्का खाना मिला. उसके बाद खाने को कुछ नहीं मिला. वहीं, झारखंड के दुमका जाने वाले हिमांशु सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से ट्रेन में कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. खाने से लेकर पानी की समस्या बरकरार रही और ट्रेन भी काफी विलंब से यहां पहुंची है. जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
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रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्री

सिर्फ गुजरात में ही मिला एक बार खाना
गुजरात के राजकोट से आ रहे रणबीर कुमार गुप्ता ने बताया कि ट्रेन में आने के लिए कंपनी ने सीधे 1 हजार 500 रुपये मुहैया करा दिए थे, इसलिए अपने पॉकेट से नहीं लगा, लेकिन प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर सरकारी व्यवस्था नहीं के बराबर देखने को मिली. रास्ते में कोई सुविधा नहीं मिली. सिर्फ गुजरात में ही एक बार खाने को मिला. हालांकि सभी प्रवासियों को संबंधित जिले के क्वॉरेंटाइन में 14 दिनों तक रहना होगा. उसके बाद ही घर जाने की अनुमति मिलेगी.

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