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309 प्रवासी मजदूरों को लेकर अहमदाबाद से बांका पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन - कोविड19

ट्रेन से आए प्रवासियों का कहना है कि ठेकेदार अपनी मर्जी से काम कराना चाहते थे. इसके बदले पैसे भी नहीं देना चाह रहे थे, जिसकी वजह से वहां रहना मुश्किल हो गया था.

बांका
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Published : May 15, 2020, 2:29 PM IST

बांका: जिले में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार सुबह अहमदाबाद से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 309 प्रवासी मजदूर बांका पहुंचे. इस ट्रेन में 8 जिलों के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा के भी मजदूर शामिल थे. प्रवासी मजदूरों के आगमन को लेकर अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस जवान और स्वास्थ्यकर्मी भी तैनात थे. स्टेशन पहुंचने पर सभी का नाम, पता और मोबाइल नंबर लेने के साथ-साथ इनकी स्क्रीनिंग भी की गई.

'ट्रेन में खाने का नहीं था अच्छा इंतजाम'
अहमदाबाद से लौटे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अहमदाबाद की हालत बेहद खराब है. काम बंद हो जाने के बाद हालत बद से बदतर हो गई थी. लॉकडाउन की वजह से बैठकर लगभग 2 महीने में जो कमाए थे, वही खाना पड़ रहा था. पैसे खत्म हो जाने के बाद अब भूखे रहने की नौबत आ रही थी.

ठेकेदार अपनी मर्जी से काम कराना चाहते थे. इसके बदले पैसे भी नहीं देना चाह रहे थे. विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बिहार आकर अच्छा तो लग रहा है, लेकिन ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं के बराबर थी.

309 यात्री अहमदाबाद से पहुंचे बांका
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए ज्यादातर प्रवासी मजदूर बांका जिले के बाहर से थे. इस ट्रेन में बिहार के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा के भी मजदूर थे. इसमें बांका से 43, अररिया से 40, पूर्णिया से 9, कटिहार से 20, सुपौल से 39, किशनगंज से 119, खगड़िया से 28, मुंगेर से 4 प्रवासी मजदूर शामिल थे. इसके अलावा झारखंड से 6 और उड़ीसा के 1 प्रवासी मजदूर थे. जांच के बाद सभी को बसों से उनके नजदीक के इलाके तक भेजा गया.

बांका: जिले में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार सुबह अहमदाबाद से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 309 प्रवासी मजदूर बांका पहुंचे. इस ट्रेन में 8 जिलों के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा के भी मजदूर शामिल थे. प्रवासी मजदूरों के आगमन को लेकर अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस जवान और स्वास्थ्यकर्मी भी तैनात थे. स्टेशन पहुंचने पर सभी का नाम, पता और मोबाइल नंबर लेने के साथ-साथ इनकी स्क्रीनिंग भी की गई.

'ट्रेन में खाने का नहीं था अच्छा इंतजाम'
अहमदाबाद से लौटे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अहमदाबाद की हालत बेहद खराब है. काम बंद हो जाने के बाद हालत बद से बदतर हो गई थी. लॉकडाउन की वजह से बैठकर लगभग 2 महीने में जो कमाए थे, वही खाना पड़ रहा था. पैसे खत्म हो जाने के बाद अब भूखे रहने की नौबत आ रही थी.

ठेकेदार अपनी मर्जी से काम कराना चाहते थे. इसके बदले पैसे भी नहीं देना चाह रहे थे. विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बिहार आकर अच्छा तो लग रहा है, लेकिन ट्रेन में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं के बराबर थी.

309 यात्री अहमदाबाद से पहुंचे बांका
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए ज्यादातर प्रवासी मजदूर बांका जिले के बाहर से थे. इस ट्रेन में बिहार के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा के भी मजदूर थे. इसमें बांका से 43, अररिया से 40, पूर्णिया से 9, कटिहार से 20, सुपौल से 39, किशनगंज से 119, खगड़िया से 28, मुंगेर से 4 प्रवासी मजदूर शामिल थे. इसके अलावा झारखंड से 6 और उड़ीसा के 1 प्रवासी मजदूर थे. जांच के बाद सभी को बसों से उनके नजदीक के इलाके तक भेजा गया.

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