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बांका में 47 हजार प्रवासी लौटे घर, रोजगार के लिए की जा रही स्किल मैपिंग - जॉब कार्ड

दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. इसके तहत 47 हजार प्रवासी बांका पहुंच चुके हैं. वहीं जिले में 47 लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं.

कोकून
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Published : May 28, 2020, 8:27 PM IST

Updated : May 29, 2020, 5:14 PM IST

बांका: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से दो चरणों में 47 हजार प्रवासी मजदूर आ चुके हैं. हालांकि, इसकी रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है. डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन का चलना बंद हो जाएगा और 1 जून से ट्रेन का नॉर्मल परिचालन शुरू होगा. उन्होंने बताया कि गुरुवार को जिले में 27 और मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं. जिले में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अब बढ़कर 47 हो गई है.

देखें वीडियो

प्रवासी मजदूरों को भी मिलेगा राशन
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि जितने भी प्रवासी मजदूर बांका आए हैं सरकार ने सभी को राशन देने का निर्णय लिया है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद प्रवासियों के पास राशन कार्ड नहीं रहने के बावजूद आधार कार्ड पर ही उन्हें 5 किलो चावल और एक किलो दाल मुहैया कराया जाएगा. वहीं अगर कोई परिवार अपने घर से बाहर है तो आधार कार्ड पर उनके परिवार के सदस्य को भी खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा.

कोकून के लिए क्लस्टर की होगी स्थापना
डीएम ने बताया कि कटोरिया और चांदन इलाके में रेशम धागे के लिए कोकून की खेती होती है. इसके लिए कलस्टर की स्थापना की जाएगी. धागा निकालने के लिए मशीन लगाई जाएगी. एक कलस्टर में 15 लोग रहेंगे, जिसकी अगुवाई महिलाओं के द्वारा की जाएगी. इसके लिए कटोरिया में स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है. जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कोकून के लिए आदर्श माना जाने वाला अर्जुन, साल और स्टेनिया के पौधे 500 एकड़ में लगवाया जाएगा. इससे 500 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

42 हजार लोगों की हुई है स्किल मैपिंग
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि 42 हजार से अधिक लोगों की स्किल मैपिंग की गई है, जिसमें 6 हजार 500 प्रवासी अनस्किल्ड हैं. सभी का जॉब कार्ड बनवाया जा रहा है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद इन्हें मनरेगा में काम दिया जाएगा. इसके साथ ही बताया कि 1 हजार 200 से अधिक होटल में काम करते थे. ऐसे 40 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें जिले के गेस्ट हाउस सहित अन्य स्थानों पर जॉब मुहैया कराई जाएगी.

बांका: श्रमिक स्पेशल ट्रेन से दो चरणों में 47 हजार प्रवासी मजदूर आ चुके हैं. हालांकि, इसकी रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है. डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन का चलना बंद हो जाएगा और 1 जून से ट्रेन का नॉर्मल परिचालन शुरू होगा. उन्होंने बताया कि गुरुवार को जिले में 27 और मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं. जिले में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अब बढ़कर 47 हो गई है.

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प्रवासी मजदूरों को भी मिलेगा राशन
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि जितने भी प्रवासी मजदूर बांका आए हैं सरकार ने सभी को राशन देने का निर्णय लिया है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद प्रवासियों के पास राशन कार्ड नहीं रहने के बावजूद आधार कार्ड पर ही उन्हें 5 किलो चावल और एक किलो दाल मुहैया कराया जाएगा. वहीं अगर कोई परिवार अपने घर से बाहर है तो आधार कार्ड पर उनके परिवार के सदस्य को भी खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा.

कोकून के लिए क्लस्टर की होगी स्थापना
डीएम ने बताया कि कटोरिया और चांदन इलाके में रेशम धागे के लिए कोकून की खेती होती है. इसके लिए कलस्टर की स्थापना की जाएगी. धागा निकालने के लिए मशीन लगाई जाएगी. एक कलस्टर में 15 लोग रहेंगे, जिसकी अगुवाई महिलाओं के द्वारा की जाएगी. इसके लिए कटोरिया में स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है. जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कोकून के लिए आदर्श माना जाने वाला अर्जुन, साल और स्टेनिया के पौधे 500 एकड़ में लगवाया जाएगा. इससे 500 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

42 हजार लोगों की हुई है स्किल मैपिंग
डीएम सुहर्ष भगत ने बताया कि 42 हजार से अधिक लोगों की स्किल मैपिंग की गई है, जिसमें 6 हजार 500 प्रवासी अनस्किल्ड हैं. सभी का जॉब कार्ड बनवाया जा रहा है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद इन्हें मनरेगा में काम दिया जाएगा. इसके साथ ही बताया कि 1 हजार 200 से अधिक होटल में काम करते थे. ऐसे 40 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें जिले के गेस्ट हाउस सहित अन्य स्थानों पर जॉब मुहैया कराई जाएगी.

Last Updated : May 29, 2020, 5:14 PM IST
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