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बांका कोर्ट के सीनियर वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी का निधन - अंबर मुखर्जी

शहर के नया टोला निवासी 90 वर्षीय अधिवक्ता विमलेंद्र नाथ मुखर्जी बांका कोर्ट, अधिवक्ता संघ, मुवक्किलों और अधिकारियों के बीच सुधा बाबू के नाम से लोकप्रिय थे. वो काफी दिनों से अस्वस्थ थे. वो बांका जिला विधिज्ञ संघ में भी लंबी अवधि तक विभिन्न प्रमुख पदों पर आसीन रहे.

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Published : Apr 17, 2020, 9:55 PM IST

बांकाः शहर के वरिष्ठ वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी उर्फ सुधा बाबू का निधन हो गया. लॉकडाउन की वजह से प्रशासन ने उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ 10 लोगों के जाने की अनुमति दी. पुलिस प्रशासन से मिले इजाजत के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया. स्व. मुखर्जी का एक पुत्र और एक पुत्री है. उनके पुत्र अंबर मुखर्जी भी बांका कोर्ट में अधिवक्ता हैं.

अंबर मुखर्जी ने बताया कि परिवार कई पीढ़ियों से वकालत के पेशे में है. उन्होंने वर्ष 1953 में बांका कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस की शुरुआत की थी. 50 वर्ष पूरे होने पर पटना हाईकोर्ट में उन्हें बुलाकर सम्मानित किया गया. 60 वर्ष पूरे होने पर भी बांका में उन्हें पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने सम्मानित किया. वो बांका जिला लाइब्रेरी क्लब के 40 वर्षों तक सचिव भी रहे.

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वरिष्ठ वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी

वकालत के पेशे में है पूरा परिवार
अधिवक्ता अंबर मुखर्जी के मुताबिक उनके पिता मूल रूप से भागलपुर जिले के केलापुर कजरेली के रहने वाले थे. उनके दादा स्वर्गीय नील मोहन मुखर्जी एवं उनके पिता अनोदा चरण मुखर्जी भी पेशे से वकील थे. वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी के निधन पर बांका शहर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, सहित अधिवक्ताओं और न्यायिक पदाधिकारियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.

बांकाः शहर के वरिष्ठ वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी उर्फ सुधा बाबू का निधन हो गया. लॉकडाउन की वजह से प्रशासन ने उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ 10 लोगों के जाने की अनुमति दी. पुलिस प्रशासन से मिले इजाजत के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया. स्व. मुखर्जी का एक पुत्र और एक पुत्री है. उनके पुत्र अंबर मुखर्जी भी बांका कोर्ट में अधिवक्ता हैं.

अंबर मुखर्जी ने बताया कि परिवार कई पीढ़ियों से वकालत के पेशे में है. उन्होंने वर्ष 1953 में बांका कोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस की शुरुआत की थी. 50 वर्ष पूरे होने पर पटना हाईकोर्ट में उन्हें बुलाकर सम्मानित किया गया. 60 वर्ष पूरे होने पर भी बांका में उन्हें पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने सम्मानित किया. वो बांका जिला लाइब्रेरी क्लब के 40 वर्षों तक सचिव भी रहे.

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वरिष्ठ वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी

वकालत के पेशे में है पूरा परिवार
अधिवक्ता अंबर मुखर्जी के मुताबिक उनके पिता मूल रूप से भागलपुर जिले के केलापुर कजरेली के रहने वाले थे. उनके दादा स्वर्गीय नील मोहन मुखर्जी एवं उनके पिता अनोदा चरण मुखर्जी भी पेशे से वकील थे. वकील विमलेंद्र नाथ मुखर्जी के निधन पर बांका शहर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, सहित अधिवक्ताओं और न्यायिक पदाधिकारियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.

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