बांकाः रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बांका में अपने कार्यकताओं के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया. इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार का कौन होगा. ये अभी तय नहीं हुआ है. महागठबंधन के सभी सहयोगी दल मिलकर इस पर निर्णय लेंगे.
महागठबंधन में सीएम पद को लेकर गतिरोध जारी
बैठक के बाद पत्रकारों के पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अभी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. यूपीए की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है. आने वाले समय में सर्वसम्मति के आधार पर चुनाव कर इसकी घोषणा की जाएगी. सभी पार्टियां मिल बैठकर इसका फैसला करेगी.
दरअसल, महागठबंधन में तेजस्वी यादव के सीएम उम्मीदवारी को लेकर हमेशा खींचातानी रही है. यूपीए के घटक दल कई बार साफ तौर से तेजस्वी को पार्टी का चेहरा मानने से इंकार कर चुके हैं. महागठबंधन के जीतन राम मांझी ने तो साफ तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानने से इंकार किया है. महागठबंधन में खासकर इसी बात को लेकर एकजुटता नजर नहीं आती.
मांझी के आवास पर हुई थी गुप्त बैठक
बता दें कि पिछले दिनों जून के शुरू में ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर रात में एक लंबी बैठक चली थी. जिसमें रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी के मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी के साथ गुप्त बातचीत हुई थी. ऐसा माना जा रहा है कि यह मुलाकात आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग और सीएम उम्मीदवार के नए चेहरे चुनने के लिए महागठबंधन में दबाव बनाने के लिए की गई थी. क्योंकि इस बैठक में महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां राजद और कांग्रेस का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नेताओं की मुलाकात की पुष्टि भी की थी.
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लॉकडाउन नीति को बताया पूरी तरह गलत
रालोसपा अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में सरकार की लॉकडाउन नीति को भी पूरी तरह गलत बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार की गलत रणनीति का खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है. अगर सही रणनीति के साथ लॉकडाउन लागू किया जाता तो कोरोना पर भी काबु पाया जाता.
वहीं, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने चांदन नदी के टूटे हुए पुल स्थल का भी निरीक्षण किया और इससे होने वाली परेशानियों से भी सरकार को अवगत कराने की बात कही. इस अवसर पर जिले के समाजसेवी सह किसान नेता कौशल सिंह ने जदयू का दामन छोड़कर रालोसपा की सदस्यता ग्रहण की.