बांका: बिहार में गिरती शिक्षा व्यवस्था को लेकर रालोसपा पिछले 6 वर्षों से लगातार आंदोलनरत है. इसी कड़ी में मंगलवार को शिक्षा सुधार बनाएं ईवीएम बटन दबाने अधिकार कार्यक्रम के तहत पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मंटू के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, युवा रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू सिंह, सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए. बता दें मशाल जुलूस पार्टी कार्यालय से निकालकर शहर के गांधी चौक पहुंचा, जहां सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की गई.
जिला मुख्यालय में निकाला गया मशाल जुलूस
रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने बताया कि पार्टी की बुनियाद ही शिक्षा है और शिक्षा के लिए पूर्व में भी पार्टी की ओर से दर्जनों कार्यक्रम किए गए है. उन्होंने कहा कि बिहार के सभी जिलों में शिक्षा में सुधार लाने के संकल्प के साथ पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को जानकारी देने का काम कर रहे है. इसी के तहत बिहार के सभी जिला मुख्यालय में आज मशाल जुलूस निकाला गया है.
चुनाव में शिक्षा के शुद्धिकरण के लिए बटन दबाएं लोग
भूदेव चौधरी ने कहा कि बिहार में पार्टी का जो अभियान और थीम है उस पर गंभीरता से विचार करते हुए कार्यकर्ताओं ने आने वाले चुनाव में लोगों को बिहार में शिक्षा की बदहाल स्थिति और उसमें बदलाव लाने की जानकारी दे रहे है, ताकि चुनाव में लोग शिक्षा के शुद्धिकरण के लिए बटन दबाएं, उन्होंने कहा कि शिक्षा को आधार मानकर ही अपने बच्चों की तकदीर और मुकद्दर के साथ-साथ भविष्य को देखते हुए लोगों से विधानसभा चुनाव में बटन दबाने की अपील की जा रही है.
शिक्षा विरोधी सरकार
वहीं, युवा रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू सिंह ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा लगातार 6 वर्षों में दर्जनों कार्यक्रम शिक्षा में सुधार लाने को लेकर कर चुके है और लोगों को जगाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि यह निकम्मी सरकार शिक्षा विरोधी है.
विकास के बदले बिहार का हुआ विनाश
उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता पहले से ही लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि बिहार में विकास करने के नाम पर हीं नीतीश सरकार सत्ता में आये थे, लेकिन पिछले 15 वर्षों में विकास तो नहीं हुआ, लेकिन बिहार का विनाश जरूर हो गया. वहीं, उन्होंने बताया कि 25 सूत्री सुझाव भी बिहार सरकार को पार्टी की ओर से दिये गये थे, लेकिन निरंकुश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानने को तैयार नहीं हुए.