बांका: वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है. बिहार में भी कोरोना के लगातार मामले बढ़ रहे हैं. लोगों में खौफ का माहौल है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि इस विकट परिस्थिति के बीच विधानसभा चुनाव कराना कितना उचित होगा. चुनाव को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने आम लोगों से बात की.
युवा मनीष कुमार ने बताया कि सरकार को चुनाव की तैयारी करने के बजाय आम लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए ज्यादा फोकस करने की आवश्यकता है. कोरोना के रोकथाम की इस लड़ाई में सरकार पूरी तरह से विफल दिख रही है. बांका में जो लोग बाहर से आए हुए थे. वह पॉजिटिव पाए गए. चुनाव कार्य में लगे लोग उनके संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं. कोषागार के कर्मी से लेकर शिक्षक तक पॉजिटिव हो गए हैं. अगर चुनाव होता है तो आम लोगों के बीच कोरोना महामारी अधिक फैलने की आशंका है.
'लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनाव जरूरी'
छात्र अनिकेत कुमार झा ने बताया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनाव जरूरी है. चुनाव होना चाहिए इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाना आवश्यक है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि चुनाव के दौरान मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इसके लिए सरकार को वैकल्पिक तरीका ढूंढना चाहिए.
'6 महीने तक टाल दिया जाए चुनाव'
व्यवसायी मयंक कुमार मिंकु ने बताया कि इस वक्त चुनाव कराना बिल्कुल उचित नहीं होगा. चुनाव के दौरान संक्रमण ज्यादा बढ़ेगा. सरकार को चाहिए कि 6 महीने तक चुनाव को टाल दे. लॉकडाउन बिल्कुल जरूरी है. अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार वैकल्पिक रास्ता अपनाकर सप्ताह में तीन दिन लॉकडाउन और तीन दिन अनलॉक का पैटर्न अपना सकती है. वहीं, जेडीयू नेता रितेश कुमार चौधरी ने बताया कि चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक प्रणाली है. समय पर चुनाव होना चाहिए और चुनाव की तिथि नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. सरकार खामियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.