बांका: जिले में लगातार ठंड और शीतलहर के कारण सैकड़ों एकड़ में लगी आलू की फसल बर्बाद हो गई है. ठंड के कारण किसानों द्वारा लगाए गए आलू की फसल में पाला मार गया है. पाला मार जाने के कारण इसका सीधा असर आलू के उत्पादन पर हो रहा है. कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस बार लगभग दो एकड़ में किसानों ने आलू की खेती की है. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण किसानों में मायूसी छाई है. पाला मार जाने के कारण लगभग 40 फीसदी आलू की खेती प्रभावित हुई है.
पाला के चलते आलू की फसल बर्बाद
बाजार में भी आलू का भाव काफी कम हो गया है. ऐसे में किसानों को लागत भी वसूल नहीं हो पाने की चिंता सता रही है. ज्यादातर आलू की फसल उन्हीं किसानों का बर्बाद हुआ है जिन्होंने लेट से बुवाई की हैं. एक एकड़ में आलू की खेती करने वाले किसान पालन मांझी ने बताया कि इस बार इतनी ठंड पड़ी कि आलू की फसल में पाला मार गया. पाला मारने के कारण आलू का पत्ता सिकुड़ गया और उसका विकास रुक गया. जिससे आलू का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है.
उन्होंने बताया कि 40 से 80 रुपए किलो आलू की बीज खरीद कर बोया था, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गया. वहीं किसान अरविंद मंडल ने बताया कि ठंड के कारण ही आलू की फसल बर्बाद हुई है. उन्होने बताया कि एक बीघा में उन्होंने आलू की फसल लगाई हैं, लेकिन इस बार बिल्कुल भी आमदनी होने की उम्मीद नहीं है. आलू की खेती करने में इस बार घाटा लगा है.
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लागत भी वसूल होने की नहीं है संभावना
किसान राजेश मंडल ने बताया कि बड़े उत्साह से इस बार उन्होंने एक बीघा में आलू की खेती की थी. लेकिन ठंड और शीतलहर के चलते आलू की फसल बर्बाद हो गयी. राजेश मंडल न कहा कि अब उन्होने लागत मूल्य आने की आस भी छोड़ दी है. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी विष्णुदेव कुमार रंजन ने बताया कि जिले में इस बार आंशिक रूप से आलू की फसल को नुकसान हुआ है. उन्होने कहा कि इस बार वैसे किसानों को नुकसान सहना पड़ा है जिन्होंने लेट से आलू की बुआई की है. फिर भी आलू की खेती जो प्रभावित हुई है उसका आकलन कराया जा रहा है. ताकि किसानों को कुछ राहत पहुंचायी जा सके.