बांका: बांका नगर परिषद के 26 वार्डों में लगभग 46 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए सात निश्चय के तहत हर घर नल जल योजना की शुरुआत की गई है. 10.1 करोड़ की लागत से पहले फेज में 6 हजार 600 घरों शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाना है. लेकिन संवेदक की कार्यप्रणाली से इन दिनों लोग खासे परेशान चल रहे हैं. लोगों को शुद्ध पेयजल तो नहीं मिल सका है. लेकिन नाला और सड़कें जरूर उखड़ गई है.
स्थिति यह है कि बारिश के दिनों में आम लोग कीचड़ और उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलने को मजबूर हैं. दरअसल, संवेदक की ओर से शहर के नालों और सड़क की खुदाई कर दी गई है. ठेकेदार तंग गलियों से लेकर सड़क को तोड़ते हुए पाइपलाइन बिछाने का काम कर रहा है. खोदे गए मटेरियल का भी समतलीकरण नहीं किया गया है. जिससे कई जगहों पर लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं.
बच्चों और बुजुर्गों को हो रही अधिक परेशानी
शहर की गलियों में गड्ढे खोदकर संवेदक फरार हो गया है. शहर के विजयनगर में रहने वाले बाबूलाल कुमार झा बताते हैं कि 15 दिनों से गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है. संवेदक की लापरवाही के चलते छोटे-छोटे बच्चों के लिए परेशानी हो रही है. आए दिन वे खेलते-खेलते गड्ढे में गिर जा रहे हैं. वार्ड पार्षद से लेकर नगर परिषद के कर्मी भी समस्या की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं. नंदू कुमार झा ने बताया कि गड्ढे की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद को शिकायत भी की. लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई.
आए दिन हो रहा है हादसा
इस लापरवाही का दंश झेल रहे वार्ड नंबर 24 के निशांत कुमार मिश्रा ने बताया कि एक महीने से संवेदक और नगर परिषद के लापरवाही के चलते उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. गलियों में गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है. जिससे आए दिन कोई न कोई दुर्घटना होती ही रहती है. अब तक समस्या का निदान नहीं किया गया है. नगर परिषद के सिटी मैनेजर रितेश कुमार चौधरी का कहना है कि बारिश को लेकर नल जल योजना का कार्य प्रभावित हुआ है. इसे जल्द पूरा किया जाएगा.