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राजस्व मंत्री की पंचायत में लोगों को नहीं मिल रहा राशन, डीलर पर मनमानी का आरोप - महेशाडीह गांव

बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल के पैतृक पंचायत लकड़ीकोला में लोगों को खाद्यान्न नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गई है. लोग डीलर की मनमानी से परेशान हैं. राशन नहीं मिलने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मुहैया कराए जाने के बाद भी कोई पहल नहीं की जा सकी है.

बांका
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Published : Apr 9, 2020, 5:26 PM IST

बांका: जिले में लॉकडाउन की मार झेल रहे लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों का रोजगार पहले ही छिन गया और अब पेट भरने के लिए खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसा ही मामला बिहार के राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल की पंचायत लकड़ीकोला अंतर्गत महेशाडीह गांव में देखने को मिल रहा है. ग्रामीण डीलर की मनमानी से त्रस्त हैं. इस गांव में 100 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जिन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिला है. ग्रामीणों ने डीलर राजेंद्र मंडल पर अपने चहेते लोगों को ही राशन देने का आरोप लगाया है.

'डीलर नहीं दे रहा है अनाज'
ग्रामीण रंजना देवी ने बताया कि राशन के लिए डीलर से लेकर प्रखंड कार्यालय तक का चक्कर लगा चुकी है. डीलर की ओर से तरह-तरह के बहाने बनाए जाते हैं. जबकि प्रखंड कार्यालय से वापस डीलर के पास भेज दिया जाता है. डीलर ने अनाज देने से साफ मना कर दिया है. वहीं, सन्नी कुमार साह ने डीलर राजेंद्र मंडल पर राशन कार्ड रख लेने का आरोप लगाया है. डीलर अपने रसूख का फायदा उठाकर लोगों को सिर्फ परेशान करते हैं और बेवजह प्रखंड कार्यालय से लेकर एमओ कार्यालय तक का चक्कर लगवाते है. ग्रामीणों ने बताया कि वरीय अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

3 माह में एक बार मिलता है अनाज
ग्रामीण निर्मल शर्मा ने बताया कि डीलर की मनमानी इस कदर है कि तीन महीने में मात्र एक महीने का ही अनाज लाभुकों को दिया जाता है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राशन कार्ड धारियों को हर हाल में अनाज दिया जाना है. वहीं, बीडीओ विजय चंद्रा ने बताया कि तकनीकी खामियों के चलते समस्या उत्पन्न हो रही है. राशन कार्ड धारियों का नए सिरे से टैगिंग किया गया है. राशन कार्ड धारियों को जिस डीलर के पास टैग किया गया है, उन्हें अनाज वहीं से मिलेगा.

बांका: जिले में लॉकडाउन की मार झेल रहे लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों का रोजगार पहले ही छिन गया और अब पेट भरने के लिए खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसा ही मामला बिहार के राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल की पंचायत लकड़ीकोला अंतर्गत महेशाडीह गांव में देखने को मिल रहा है. ग्रामीण डीलर की मनमानी से त्रस्त हैं. इस गांव में 100 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जिन्हें कई महीनों से राशन नहीं मिला है. ग्रामीणों ने डीलर राजेंद्र मंडल पर अपने चहेते लोगों को ही राशन देने का आरोप लगाया है.

'डीलर नहीं दे रहा है अनाज'
ग्रामीण रंजना देवी ने बताया कि राशन के लिए डीलर से लेकर प्रखंड कार्यालय तक का चक्कर लगा चुकी है. डीलर की ओर से तरह-तरह के बहाने बनाए जाते हैं. जबकि प्रखंड कार्यालय से वापस डीलर के पास भेज दिया जाता है. डीलर ने अनाज देने से साफ मना कर दिया है. वहीं, सन्नी कुमार साह ने डीलर राजेंद्र मंडल पर राशन कार्ड रख लेने का आरोप लगाया है. डीलर अपने रसूख का फायदा उठाकर लोगों को सिर्फ परेशान करते हैं और बेवजह प्रखंड कार्यालय से लेकर एमओ कार्यालय तक का चक्कर लगवाते है. ग्रामीणों ने बताया कि वरीय अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

3 माह में एक बार मिलता है अनाज
ग्रामीण निर्मल शर्मा ने बताया कि डीलर की मनमानी इस कदर है कि तीन महीने में मात्र एक महीने का ही अनाज लाभुकों को दिया जाता है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राशन कार्ड धारियों को हर हाल में अनाज दिया जाना है. वहीं, बीडीओ विजय चंद्रा ने बताया कि तकनीकी खामियों के चलते समस्या उत्पन्न हो रही है. राशन कार्ड धारियों का नए सिरे से टैगिंग किया गया है. राशन कार्ड धारियों को जिस डीलर के पास टैग किया गया है, उन्हें अनाज वहीं से मिलेगा.

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