बांका: जिले में तंजीम उलेमा ए आले सुन्नत के बैनर तले तमाम विपक्षी पार्टियों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और तिरंगा लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. करीब दो हजार की संख्या में आए प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस कानून वापस लेने की मांग की.
प्रदर्शनकारी शहर के मुख्य चौक-चौराहों से होते हुए सड़कों पर प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट मेन गेट पर पहुंचे. जहां जमकर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विरोध में नारेबाजी की.
'संविधान के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं'
सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे राजद नेता जमरूद्दीन शेख ने बताया कि इस कानून का विरोध सभी समुदाय के लोग कर रहे हैं. यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान है. इसके साथ जो छेड़छाड़ करेगा देश और राज्य की जनता उसे बर्दाश्त नहीं करेंगी. प्रदर्शनकारी युवाओं ने कहा कि सरकार इस देश में आपसी भाईचारा के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता को भी खंडित करना चाह रही है.
'देश को तोड़ने की हो रही है साजिश'
राजद विधायक रामदेव यादव ने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है. देश को तोड़ने करने की साजिश चल रही है. भाजपा और एनडीए की सरकार चाहती है. आपसी भाईचारा को खंडित कर अपना काला कानून लागू करना चाहती है. सरकार कहती है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए हुए लोगों के लिए यह कानून लाया जा रहा है. लेकिन सरकार की ओर से कई तरह के भ्रामक प्रचार किए जा रहे हैं.
जारी रहेगा आंदोलन
राजद विधायक रामदेव यादव ने बताया कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ पूरा देश जल रहा है. त्रिपुरा, असम, जम्मू-कश्मीर सहित दिल्ली में आगजनी हो रही है. चारों तरफ लोग इस काले कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. साथ ही कहा कि सरकार जब तक इस कानून को वापस नहीं लेती है. तब तक ऐसे ही आंदोलन जारी रहेंगे.