बांका: ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के आह्वान पर गुरुवार को बंद बुलाया गया है. बैंक इंप्लाइज और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी इसका समर्थन किया है. लिहाजा तमाम राष्ट्रीय कृत बैंकों के कर्मचारी सात सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को एक दिवसीय हड़ताल पर हैं. जिसका असर बैंकिंग कार्यों पर देखने को मिला. हालांकि एसबीआई के कर्मियों ने इस हड़ताल से खुद को अलग रखा.
हड़ताली कर्मचारियों ने बैंक के मुख्य गेट पर ताला जड़कर सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. इस दौरान निजीकरण का विरोध किया गया और पुराने पेंशन नीति को लागू करने का मांग की गई.
'आउटसोर्सिंग पर तत्काल लगे रोक'
यूको बैंक कर्मी दिनेश पासवान ने बताया कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से आयोजित कामगारों के राष्ट्रीय सम्मेलन के सात समान मांगों के समर्थन में सभी बैंक कर्मी एक दिवसीय हड़ताल पर है. हमारी मांग है कि सरकार नई पेंशन नीति को रद्द करते हुए पुरानी पेंशन नीति को लागू करे. वहीं, एक अन्य कर्मी मो. आजाद ने बताया कि सरकार बैंकों के निजीकरण के बजाय इसे मजबूत करने पर बल दे. लोन डिफॉल्टर्स पर कड़ी कार्रवाई करे और विशाल कॉरपोरेट एनपीए की वसूली पर ध्यान देते हुए सरकार ठोस निर्णय ले. साथ ही बैंक में जमा राशि पर ब्याज दर में वृद्धि करे और नियमित बैंकिंग कार्यों की आउटसोर्सिंग पर तत्काल रोक लगाएं.