बांका (बाराहाट): राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के तत्वाधान में कंस्ट्रक्शन लेबर यूनियन के तहत सरकार एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. जिला इंटक अध्यक्ष विनय कापरी की अध्यक्षता में श्रम संसाधन विभाग कार्यालय परिसर में मंगलवार को बैठक हुई. बैठक में सरकार की ओर से निर्माण मजदूरों के हित की अनदेखी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
इंटक का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
बैठक को संबोधित करते हुए जिला इंटक अध्यक्ष ने कहा कि मजदूर सिर्फ इमारतों का नहीं बल्कि देश का भी निर्माण करते हैं. इसके बावजूद सरकार इनका हक मारने से परहेज नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न तो सभी कंस्ट्रक्शन श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करती है और न ही जो रजिस्टर्ड हो गए हैं उन्हें लाभ ही देती है. निर्माण मजदूरों को न्याय देने के लिए कानून बने हुए दो दशक से भी अधिक हो गए हैं. लेकिन निर्माण मजदूरों को अभी तक इन कानूनों के अन्तर्गत मिलने वाले लाभ नहीं मिल रह है. साथ ही कहा कि निर्माण मजदूरों के लिए जब विशेष कानून बने तो इनसे बहुत उम्मीदें जुड़ी थी. इन उम्मीदों को जीवित रखने के लिए यह बहुत जरूरी है कि इन कानूनों के अंतर्गत स्थापित निर्माण मजदूरों के कोष का पूरा उपयोग मजदूरों के वास्तविक हित में किया जाए.
प्रवासी मजदूरों के प्रति सजग नहीं है सरकार
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए इंटक के महिला नेता निशु सिंह ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों के हित को लेकर सजग नहीं है. यही कारण है कि कई मजदूरों को यात्रा के दौरान अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे प्रवासियों के स्वजनों को हर संभव सहायता देने को तैयार है. इस अवसर पर धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सुरेश यादव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महानगरों से घर लौट रहे मजदूरों के साथ बुरा बर्ताव किया गया. भूखे प्यासे सफर करने के दौरान कई मजदूरों की मौत हो गई. इन मौतों का जिम्मेदार कौन है इसका जबाव सरकार को देना पड़ेगा. धरने के दौरान त्रिभुवन पंडित, लोहा सिंह, रेखा सोरन, नीशू सिंह, चंदन सिंह, राहुल देव सिंह और वीरेंद्र कुमार मौजूद रहे.