बांका: अवैध शराब तस्करी को लेकर बांका की सड़कें पूरी तरह से बदनाम हो चुकी है. बांका जिले की संरचना ऐसी है की चाह कर भी पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम इस पर रोक लगाने में सफल नहीं हो पा रही है. जंगली और पठारी इलाका होने की वजह से झारखंड के रास्ते शराब की खेप बिहार के अन्य शहरों तक पहुंचाने के लिए काफी मुफीद माना जाता है.
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पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम की सफलता
पिछले 1 वर्ष की बात की जाए तो पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने 47 हजार लीटर से अधिक देसी और विदेशी शराब को जप्त किया है. जबकि 37 हजार लीटर शराब को भी नष्ट किया गया है. बड़े पैमाने पर शराब तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. इसके बावजूद शराब तस्करी का धंधा थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है.
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'पिछले एक वर्ष में पुलिस ने 29 हजार 240 लीटर और उत्पाद विभाग ने 18 हजार 225 लीटर यानी 47 हजार 525 लीटर देसी और विदेशी शराब जप्त किया है. 300 से अधिक शराब तस्करों की गिरफ्तारी हुई है. 700 से अधिक दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन को जप्त किया गया है. इसमें कई लग्जरी कार भी शामिल है. झारखंड से लगती सीमा पर चेक पोस्ट कार्यरत है. इसके अलावा वैकल्पिक मार्गों की भी निगरानी की जाती है. यही वजह है लगातार अब तक चार करोड़ लागत की शराब जप्त किया गया है. वैसा ही 37 हजार 959 लीटर शराब को भी नष्ट किया गया है'.- अरुण कुमार मिश्रा, उत्पाद अधीक्षक