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बांका: टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए तैयारियां पूरी, दवाईयों का किया गया भंडारण - टिड्डियों का आक्रमण

बांका जिले में टिड्डियों के आक्रमण से बचने के लिए दवाईयों का भंडारण किया गया है. इसके साथ ही किसानों को टिड्डियों के आक्रमण के प्रति जागरूक कर दिया गया है.

medicines stored for prevent locust invasion
दवाईयों का किया गया भंड़ारण
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Published : Jun 30, 2020, 10:49 PM IST

बांका: जिले में टिड्डी दल के आक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का भंडारण कर लिया गया है. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर समितियां गठित कर सभी को अलर्ट मोड में रखा गया है. इससे टिड्डी दल का आक्रमण होते ही से निपटा जा सके.

टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए कृषि कार्यालय हर मुमकिन तैयारी कर रहा है. इसको लेकर जिला से लेकर पंचायत स्तर के कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे टिड्डी दल के हमले की सूचना मिलते ही उसके ऊपर त्वरित कार्रवाई की जा सके. जिले में तैयारियों के आकलन के लिए नोनिहारी गांव में डेमोंसट्रेशन दिया गया. किसानों को दवाई के छिड़काव में उपयोग होने वाले जेट मशीन चलाने के बारे में बताया गया.

परंपरागत तरीके से भी टिड्डी दल को भगा सकते हैं किसान
पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि टिड्डी दल को परंपरागत तरीके से भी भगाया जा सकता है. ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ-साथ टीन और थाली बजाकर भगाया जा सकता है. टिड्डी दल यदि रात में विश्राम की स्थिति में रहते हैं तो तुरंत किसान इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को दें. जिला नियंत्रण कक्ष हरकत में आकर तुरंत दवाई का छिड़काव कर टिड्डियों को भगाने का काम करेगा. टिड्डी के आतंक से बचने में लिए क्लोरोफाइड फास्ट 20 एसी, माईलोथ्योरिन 50, डेल्टामेथ्रिन, फिक्रोनील, लेमडासहहेलोथ्रीन दवाई का स्टॉक तैयार कर लिया गया है.

दवाई का किया गया भंडारण
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि टिड्डी दल से बचाव को लेकर विभिन्न तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर समितियां गठित की गई है. इसके अलावा किसानों को जागरूक किया जा रहा है. टिड्डी से बचाव के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाना है, उसका भंडारण कर लिया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि टिड्डी दल के आक्रमण होने पर उम्मीद है कि सफलतापूर्वक सामना किया जा सकेगा.

बांका: जिले में टिड्डी दल के आक्रमण से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का भंडारण कर लिया गया है. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर समितियां गठित कर सभी को अलर्ट मोड में रखा गया है. इससे टिड्डी दल का आक्रमण होते ही से निपटा जा सके.

टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए कृषि कार्यालय हर मुमकिन तैयारी कर रहा है. इसको लेकर जिला से लेकर पंचायत स्तर के कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे टिड्डी दल के हमले की सूचना मिलते ही उसके ऊपर त्वरित कार्रवाई की जा सके. जिले में तैयारियों के आकलन के लिए नोनिहारी गांव में डेमोंसट्रेशन दिया गया. किसानों को दवाई के छिड़काव में उपयोग होने वाले जेट मशीन चलाने के बारे में बताया गया.

परंपरागत तरीके से भी टिड्डी दल को भगा सकते हैं किसान
पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि टिड्डी दल को परंपरागत तरीके से भी भगाया जा सकता है. ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ-साथ टीन और थाली बजाकर भगाया जा सकता है. टिड्डी दल यदि रात में विश्राम की स्थिति में रहते हैं तो तुरंत किसान इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को दें. जिला नियंत्रण कक्ष हरकत में आकर तुरंत दवाई का छिड़काव कर टिड्डियों को भगाने का काम करेगा. टिड्डी के आतंक से बचने में लिए क्लोरोफाइड फास्ट 20 एसी, माईलोथ्योरिन 50, डेल्टामेथ्रिन, फिक्रोनील, लेमडासहहेलोथ्रीन दवाई का स्टॉक तैयार कर लिया गया है.

दवाई का किया गया भंडारण
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि टिड्डी दल से बचाव को लेकर विभिन्न तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर समितियां गठित की गई है. इसके अलावा किसानों को जागरूक किया जा रहा है. टिड्डी से बचाव के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाना है, उसका भंडारण कर लिया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि टिड्डी दल के आक्रमण होने पर उम्मीद है कि सफलतापूर्वक सामना किया जा सकेगा.

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