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बांका: पेट दर्द से किशोर था परेशान, इलाज के अभाव में हुई मौत

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Published : Apr 12, 2020, 11:28 AM IST

बांका में 12 साल के किशोर की पेट में दर्द उठने से उसकी मौत हो गई. दरअसल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने कारण इलाज में अभाव रहा. जिससे उसकी मौत हो गई.

बांका
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बांका: जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मामला बांका जिले के बाराहाट प्रखंड अंतर्गत लौढिया खुर्द पंचायत के दुबराजपुर गांव का है. जहां कल शाम 12 वर्षीय किशोर को पेट मे अचानक दर्द शुरू हुआ. इसके बाद उसे उसके अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.

दरअसल, युवक को जब अस्पताल लाया गया. तब अस्पताल में डॉक्टों की कमी थी. बताया जाता है कि कोरोना वायरस के कारण डॉक्टरों की संख्या कम हो गई है. हालांकि युवक के परिजनों ने पेट दर्द से आराम दिलाने के लिए मेडिकल हॉल से दवा लेकर खिला दिया. इसके बाद युवक रात भर पेट दर्द से बेचैन होते हुए सुबह उसकी मौत हो गई. चूंकि मामला गरीब परिवार का था, जिसे दबाने का प्रयास भी किया गया. फिर भी प्रशासन ने अपना काम किया और पंजवारा थानाध्यक्ष मुरलीधर साह और चिकित्सा प्रभारी डॉ. दिनेश भगत जानकारी के बाद लैया टोली दुबराजपुर पहुंचे और बच्चे के मृत शरीर का मुआयना करने के बाद उसका दाह संस्कार करने की सलाह दी.

डॉक्टर ने दी जानकारी
मीडियाकर्मी ने जब डॉक्टर दिनेश भगत से बात की तो उन्होंने कहा कि काम का काफी लोड होने की वजह से कई जगहों पर समय से पहुंचना संभव नहीं हो पाता है. इस बच्चे के पेटदर्द होने की शिकायत उन्हें करीबन रात दस बजे मिली और रात में गांव जाना टीम के लिए सम्भव नहीं था. इसलिए सुबह सबसे पहले गांव आ गए. हालांकि पूछने पर उन्होंने बताया कि मौत पेट दर्द से हुई.

लॉक डाउन ने बढ़ाई परेशानी
बता दें कि लॉक डाउन के कारण लोगों की समस्या काफी बढ़ गई है. वहीं, जहां एक ओर कोरोना वायरस के कारण डॉक्टरों कम हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

बांका: जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मामला बांका जिले के बाराहाट प्रखंड अंतर्गत लौढिया खुर्द पंचायत के दुबराजपुर गांव का है. जहां कल शाम 12 वर्षीय किशोर को पेट मे अचानक दर्द शुरू हुआ. इसके बाद उसे उसके अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.

दरअसल, युवक को जब अस्पताल लाया गया. तब अस्पताल में डॉक्टों की कमी थी. बताया जाता है कि कोरोना वायरस के कारण डॉक्टरों की संख्या कम हो गई है. हालांकि युवक के परिजनों ने पेट दर्द से आराम दिलाने के लिए मेडिकल हॉल से दवा लेकर खिला दिया. इसके बाद युवक रात भर पेट दर्द से बेचैन होते हुए सुबह उसकी मौत हो गई. चूंकि मामला गरीब परिवार का था, जिसे दबाने का प्रयास भी किया गया. फिर भी प्रशासन ने अपना काम किया और पंजवारा थानाध्यक्ष मुरलीधर साह और चिकित्सा प्रभारी डॉ. दिनेश भगत जानकारी के बाद लैया टोली दुबराजपुर पहुंचे और बच्चे के मृत शरीर का मुआयना करने के बाद उसका दाह संस्कार करने की सलाह दी.

डॉक्टर ने दी जानकारी
मीडियाकर्मी ने जब डॉक्टर दिनेश भगत से बात की तो उन्होंने कहा कि काम का काफी लोड होने की वजह से कई जगहों पर समय से पहुंचना संभव नहीं हो पाता है. इस बच्चे के पेटदर्द होने की शिकायत उन्हें करीबन रात दस बजे मिली और रात में गांव जाना टीम के लिए सम्भव नहीं था. इसलिए सुबह सबसे पहले गांव आ गए. हालांकि पूछने पर उन्होंने बताया कि मौत पेट दर्द से हुई.

लॉक डाउन ने बढ़ाई परेशानी
बता दें कि लॉक डाउन के कारण लोगों की समस्या काफी बढ़ गई है. वहीं, जहां एक ओर कोरोना वायरस के कारण डॉक्टरों कम हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है.

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