ETV Bharat / state

धार्मिक के साथ मनोरंजन यात्रा बना कांवरिया पथ, सेल्फी लेने में व्यस्त दिखते हैं युवा - ईटीवी भारत

धार्मिक भावना के साथ साथ मनोरंजन और पिकनिक का भी रूप कांवरिया पथ पर सभी जगह देखने को मिल जाता है. इसका कांवरिया भरपूर आनंद भी उठाते हैं.

पिकनिक का भरपूर आनंद उठाते कांवरिया
author img

By

Published : Jul 27, 2019, 8:32 AM IST


बांका : गंगा धाम से बाबाधाम तक चलने वाले कांवरियों का जत्था कई उद्देश को लेकर चलता है. जिसमें मनोरंजन, पिकनिक और धार्मिक यात्रा का रूप लगभग सभी जगह दिखाई देता है. इसमें खासकर वैसे कांवरिया शामिल होते हैं, जो अपने-अपने वाहन से जल लेकर बाबाधाम तक आते हैं.


एक साथ बैठकर लेते हैं भोजन का आनंद


छोटे-बड़े वाहन से चलने वाले कांवरिया जगह-जगह रुककर पेड़ के नीचे या जंगलों के बीच पिकनिक के रूप में अपना भोजन बनाते हैं. और एक साथ बैठकर भोजन का आनंद लेते हैं. जबकि उसमें कुछ महिलाएं भी होती हैं जो भोजन बनाने का काम अन्य के सहयोग से करती हैं. जबकि पुरुष वर्ग तास, लूडो, शतरंज का खेल खेल कर अपना मनोरंजन करते हैं, और उसी में उनका समय पूरा हो जाता है.

मनोरंजन यात्रा बना कांवरिया पथ


सेल्फी लेने में व्यस्त दिखते हैं युवा


वहीं, कई जगह यह भी देखा गया है कि उसी जत्थे में पैदल चलने वाले कांवरिया भी आते हैं जो अपना कांवर रखकर भोजन में शरीक होते हैं. जबकि अधिकतर कांवरिया धार्मिक भावना को लेकर भी बाबा धाम चलते हैं. जिसका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ बाबा को जल अर्पण करना होता है. अधिकतर युवाओं की टोली ही कांवरिया पथ पर मनोरंजन और पिकनिक मनाने के साथ-साथ मोबाइल पर सेल्फी लेने में भी व्यस्त देखे जाते हैं.


पिकनिक का भरपूर आनंद उठाते हैं कांवरिया


इस प्रकार धार्मिक भावना के साथ-साथ मनोरंजन और पिकनिक का भी रूप कांवरिया पथ पर सभी जगह देखने को मिल जाता है. इसका कांवरिया भरपूर आनंद भी उठाते हैं. सावन भर गंगाधाम से बाबाधाम तक चलने वाला कांवरिया मेला अब धार्मिक की जगह पिकनिक और मनोरंजन का भी एक अड्ड़ा बन गया है, जो कांवरिया को इस मेले की ओर आकर्षित करता है.


बांका : गंगा धाम से बाबाधाम तक चलने वाले कांवरियों का जत्था कई उद्देश को लेकर चलता है. जिसमें मनोरंजन, पिकनिक और धार्मिक यात्रा का रूप लगभग सभी जगह दिखाई देता है. इसमें खासकर वैसे कांवरिया शामिल होते हैं, जो अपने-अपने वाहन से जल लेकर बाबाधाम तक आते हैं.


एक साथ बैठकर लेते हैं भोजन का आनंद


छोटे-बड़े वाहन से चलने वाले कांवरिया जगह-जगह रुककर पेड़ के नीचे या जंगलों के बीच पिकनिक के रूप में अपना भोजन बनाते हैं. और एक साथ बैठकर भोजन का आनंद लेते हैं. जबकि उसमें कुछ महिलाएं भी होती हैं जो भोजन बनाने का काम अन्य के सहयोग से करती हैं. जबकि पुरुष वर्ग तास, लूडो, शतरंज का खेल खेल कर अपना मनोरंजन करते हैं, और उसी में उनका समय पूरा हो जाता है.

मनोरंजन यात्रा बना कांवरिया पथ


सेल्फी लेने में व्यस्त दिखते हैं युवा


वहीं, कई जगह यह भी देखा गया है कि उसी जत्थे में पैदल चलने वाले कांवरिया भी आते हैं जो अपना कांवर रखकर भोजन में शरीक होते हैं. जबकि अधिकतर कांवरिया धार्मिक भावना को लेकर भी बाबा धाम चलते हैं. जिसका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ बाबा को जल अर्पण करना होता है. अधिकतर युवाओं की टोली ही कांवरिया पथ पर मनोरंजन और पिकनिक मनाने के साथ-साथ मोबाइल पर सेल्फी लेने में भी व्यस्त देखे जाते हैं.


पिकनिक का भरपूर आनंद उठाते हैं कांवरिया


इस प्रकार धार्मिक भावना के साथ-साथ मनोरंजन और पिकनिक का भी रूप कांवरिया पथ पर सभी जगह देखने को मिल जाता है. इसका कांवरिया भरपूर आनंद भी उठाते हैं. सावन भर गंगाधाम से बाबाधाम तक चलने वाला कांवरिया मेला अब धार्मिक की जगह पिकनिक और मनोरंजन का भी एक अड्ड़ा बन गया है, जो कांवरिया को इस मेले की ओर आकर्षित करता है.

Intro:पिकनिक औऱ मनोरंजन के साथ धार्मिक यात्रा बन गया कांवरिया पथ Body:गंगा धाम से बाबाधाम तक चलने वाले कांवरियों का जत्था कई उद्देश को लेकर चलते हैं। जिसमें मनोरंजन, पिकनिक और धार्मिक यात्रा का रूप लगभग सभी जगह दिखाई देता है. इसमें खासकर वैसे कांवरिया शामिल होते हैं। जो अपने अपने वाहन से जल लेकर बाबाधाम तक आते हैं। छोटे बड़े वाहन से चलने वाले कांवरिया जगह-जगह रुककर पेड़ के नीचे या जंगलों के बीच पिकनिक के रूप में अपना भोजन बनाते हैं। और एक साथ बैठकर भोजन का आनंद लेते हैं। जबकि उसमें कुछ महिलाएं भी होती हैं जो भोजन बनाने का काम अन्य के सहयोग से करती हैं। जबकि पुरुष वर्ग तास, लूडो, शतरंज का खेल खेल कर अपना मनोरंजन करते हैं। और उसी में उसका समय पूरा हो जाता है। जबकि कई जगह यह भी देखा गया है कि उसी जत्थे में पैदल चलने वाले कांवरिया भी आते हैं जो अपना कांवर रखकर भोजन में शरीक होते हैं। जबकि अधिकतर कांवरिया धार्मिक भावना को लेकर भी बाबा धाम चलते हैं ।जिसका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ बाबा को जल अर्पण करना होता है। अधिकतर युवाओं की टोली ही कांवरिया पथ पर मनोरंजन और पिकनिक मनाने के साथ-साथ मोबाइल पर सेल्फी लेने में भी व्यस्त देखे जाते हैं। इस प्रकार धार्मिक भावना के साथ साथ मनोरंजन और पिकनिक का भी रूप कांवरिया पथ पर सभी जगह मिल जाता है। इसका कांवरिया भरपूर आनंद भी उठाते हैं।Conclusion:सावन भर गंगाधाम से बाबाधाम तक चलने वाला कांवरिया मेला अब धार्मिक की जगह पिकनिक औऱ मनोरंजन का भी एक अड्ड़ा बन गया है। जो कांवरिया को इस मेले की ओर आकर्षित करता है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.