बांकाः कोरोना महामारी के संक्रमण के राकथाम के लिए जिले में जीविका दीदियों ने मास्क निर्माण का कार्य शुरू किया है, जो निरंतर जारी है. अब तक जीविकी दीदी तीन लाख से अधिक मास्क बना चुकी हैं. एक जीविका दीदी रोजाना 60 से 70 मास्क बना रही हैं. जिले में 12 केंद्रों पर 192 जीविका दीदी रोजाना 15 हजार से अधिक मास्क तैयार कर रही हैं. जिसे लगातार क्वॉरेंटाइन सेंटर के अलावा विभिन्न विभागों को भेजा जा रहा है. ताकि लोग इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें.
जीविका दीदी ने चुनौती को अवसर में बदला
सरकार के निर्देश के बाद जिले के सभी परिवारों को चार-चार मास्क का वितरण किया जाना है. इसके लिए लाखों की संख्या में मास्क की आवश्यकता है. इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए जीविका दीदियों में अब तक करीब 3 लाख मास्क तैयार किये हैं. जीविका दीदी को प्रति मास्क 5 रुपए दिया जाता है. इसके अलावा जीविका दीदी सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड वाशिंग के बारे में लोगों को लगातार जागरुक कर रही हैं.
काम मिलने से खुश है जीविका दीदी
इस काम से खुश जीविका दीदी ललिता कुमारी ने बताया कि घर में खाली बैठी रहती थी. लेकिन कोरोना महामारी में विषम परिस्थिति में भी काम करने का अवसर मिला. रोजाना 60 से 70 मास्क बनाती हैं. यह काम 100 दिनों तक चलेगा. एक अन्य जीविका दीदी शांता भारती ने बताया कि सीएलएफ का संकुल स्तरीय बैठक होता है. जिसमें पीओडी के सदस्य का चयन होता है. कपड़े का कोटेशन लेने के बाद जीविका दीदी तय करती हैं कि कपड़े कहां से खरीदना है. हालांकि कपड़ा बांका में उपलब्ध हो जा रहा है.
8 लाख मास्क बनाने का लक्ष्य
जीविका के डीपीएम संजय कुमार ने बताया कि विभाग से आठ लाख मास्क बनाने का लक्ष्य मिला है. रोजाना 15 हजार से अधिक मास्क तैयार किए जा रहे हैं. जीविका दीदियों के मास्क बनाने की रफ्तार से 12 लाख तक मास्क 100 दिनों में तैयार हो सकता है. डीपीएम ने बताया कि मास्क बना कर प्रत्येक जीविका दीदी महीने में 8 से 9 हजार की कमाई कर रही हैं. जीविका दीदी के द्वारा बनाए गए मास्क को स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, मनरेगा सहित अन्य विभाग को उपलब्ध जा रहा है.