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बेलहर में बगावत के बाद भी JDU की हुई जीत, कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल

बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतगणना जारी है. चुनाव आयोग के रुझान के अनुसार राज्य में एक बार फिर राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है.

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बांका
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Published : Nov 10, 2020, 8:25 PM IST

बांका(बेलहर): बिहार में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पायदान पर है. बिहार चुनाव परिणाम के रुझानों में उतार-चढ़ाव जारी है. वहीं, बेलहर प्रखंड से सांसद और कई प्रखंड के जदयू के बगावत के बाद भी जदयू की बड़ी जीत हासिल हुई है.

जदयू की बड़ी जीत
वहीं, जिले के बेलहर विधानसभा में कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. लेकिन शुरू से ही मुख्य मुकाबले में वर्तमान विधायक राजद के रामदेव यादव और जदयू के एमएलसी मनोज के बीच था. सांसद गिरिधारी यादव के भाई और उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार बनाये गये लालधारी यादव की जगह मनोज यादव को टिकट मिली थी. इससे जहां जदयू के सांसद गिरिधारी यादव सहित उनका पूरा कुनबा मनोज यादव के विरोध में और रामदेव यादव के पक्ष में प्रचार करते रहे. जिसकी लिखित शिकायत भी मनोज यादव की ओर से प्रदेश अध्यक्ष से किया गया और कार्यवाई की मांग की गई थी. सांसद के विरोध और अतिउत्साह के कारण राजद खेमा जीत के प्रति आश्वस्त था. लेकिन परिणाम पूरी तरह विपरीत रहा.

शुरु से रहे जनता के बीच
जनता की माने तो नये उम्मीदवार बनाये गए मनोज यादव की तैयारी चुनाव की घोषणा के कई महीने पहले से शुरु हो गई थी. यह विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों का दौरा कर रहे थे. एमएलसी होते हुए लोगों की समस्या सुनने और उसके निदान का आश्वासन देने के साथ ही अधिकारियों पर लगातार दवाव बना कर उसे पूरा करा रहे थे. यही पहल चुनाव में उनकी जीत का मुख्य कारण माना जा रहा है.

बांका(बेलहर): बिहार में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पायदान पर है. बिहार चुनाव परिणाम के रुझानों में उतार-चढ़ाव जारी है. वहीं, बेलहर प्रखंड से सांसद और कई प्रखंड के जदयू के बगावत के बाद भी जदयू की बड़ी जीत हासिल हुई है.

जदयू की बड़ी जीत
वहीं, जिले के बेलहर विधानसभा में कुल 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. लेकिन शुरू से ही मुख्य मुकाबले में वर्तमान विधायक राजद के रामदेव यादव और जदयू के एमएलसी मनोज के बीच था. सांसद गिरिधारी यादव के भाई और उपचुनाव में जदयू उम्मीदवार बनाये गये लालधारी यादव की जगह मनोज यादव को टिकट मिली थी. इससे जहां जदयू के सांसद गिरिधारी यादव सहित उनका पूरा कुनबा मनोज यादव के विरोध में और रामदेव यादव के पक्ष में प्रचार करते रहे. जिसकी लिखित शिकायत भी मनोज यादव की ओर से प्रदेश अध्यक्ष से किया गया और कार्यवाई की मांग की गई थी. सांसद के विरोध और अतिउत्साह के कारण राजद खेमा जीत के प्रति आश्वस्त था. लेकिन परिणाम पूरी तरह विपरीत रहा.

शुरु से रहे जनता के बीच
जनता की माने तो नये उम्मीदवार बनाये गए मनोज यादव की तैयारी चुनाव की घोषणा के कई महीने पहले से शुरु हो गई थी. यह विधानसभा क्षेत्र के सभी गांवों का दौरा कर रहे थे. एमएलसी होते हुए लोगों की समस्या सुनने और उसके निदान का आश्वासन देने के साथ ही अधिकारियों पर लगातार दवाव बना कर उसे पूरा करा रहे थे. यही पहल चुनाव में उनकी जीत का मुख्य कारण माना जा रहा है.

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