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मूसलाधार बारिश में चांदन प्रखंड का जमुनी पुल ध्वस्त, 5 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित

बांका जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश में चांदन प्रखंड का जमुनी पुल ध्वस्त हो गया. जिससे 5 हजार की अबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.

पुल टूटा
पुल टूटा
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Published : Oct 1, 2021, 7:01 PM IST

बांकाः लगातार तीन दिनों की बारिश में चांदन प्रखंड (Chandan Block) के बिरनिया पंचायत का एक मात्र जमुनी पुल (Jamuni Bridge) पूरी तरह से टूट गया है. जिससे बिहार और झारखंड के कई गांवों का सम्पर्क मुख्यालय से नहीं हो पा रहा है. तकरीबन 5 हजार से अधिक ग्रामीण इस पुल के टूटने से प्रभावित हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः बिहार में सभी पुलों का बनाया जा रहा है 'हेल्थ कार्ड', सरकार ने गिनाए ये फायदे

बताया जाता है कि अब इस गांव में आने जाने के लिए झारखंड से होकर आना होगा. इस पुल का निर्माण साल 2016 में हुआ था. जिसके टूटने से जमुनी, बिशनपुर, सलैया, मुलाडीह वाले करीब 5000 से अधिक ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. अब इस पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं.

देखें वीडियो

कुछ ग्रामीण इसके लिए स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. ग्रामीण जोतिन चौधरी, बाबूलाल चौधरी, राजेन्द्र राय, टेकन राय ने बताया कि जमनी गांव के ही जयकुमार चौधरी की देखरेख में इस पुल का निर्माण किया गया था. निर्माण के समय भी ग्रामीणों ने घटिया सामग्री का आरोप लगाया था. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.

इतना ही नहीं जून महीने में हुई लगातार बारिश से क्षतिग्रस्त होकर पुल में बड़ा बड़ा दरार आ गया था. जिसकी खबर कई समाचार पत्रों में आने और सभी पदाधिकारियों को जानकारी के बावजूद मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की गई. जिस कारण यह पुल पूरी तरह टूट गया. लोगों का कहना है कि उस वक्त अगर मरम्मत का काम कराया जाता तो आज ग्रामीणों को इस समस्या से जूझना नहीं पड़ता.

बता दें कि इस पुल के टूटने से गांव के स्कूल में आने वाले शिक्षक जो गांव से बाहर रहते हैं उन्हें काफी परेशानी होगी. साथ ही उच्च विद्यालय जाने वाले छात्र और छात्राओं के अलावे बीमार व्यक्ति और प्रसवग्रस्त महिलाओं को भी काफी परेशानी से गुजरना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः बिहार के IT विभाग की फाइलें अब धूल नहीं फाकेंगी, पेपरलेस E-Office से होंगे सारे काम

बांकाः लगातार तीन दिनों की बारिश में चांदन प्रखंड (Chandan Block) के बिरनिया पंचायत का एक मात्र जमुनी पुल (Jamuni Bridge) पूरी तरह से टूट गया है. जिससे बिहार और झारखंड के कई गांवों का सम्पर्क मुख्यालय से नहीं हो पा रहा है. तकरीबन 5 हजार से अधिक ग्रामीण इस पुल के टूटने से प्रभावित हुए हैं.

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बताया जाता है कि अब इस गांव में आने जाने के लिए झारखंड से होकर आना होगा. इस पुल का निर्माण साल 2016 में हुआ था. जिसके टूटने से जमुनी, बिशनपुर, सलैया, मुलाडीह वाले करीब 5000 से अधिक ग्रामीणों को गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. अब इस पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं.

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कुछ ग्रामीण इसके लिए स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. ग्रामीण जोतिन चौधरी, बाबूलाल चौधरी, राजेन्द्र राय, टेकन राय ने बताया कि जमनी गांव के ही जयकुमार चौधरी की देखरेख में इस पुल का निर्माण किया गया था. निर्माण के समय भी ग्रामीणों ने घटिया सामग्री का आरोप लगाया था. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.

इतना ही नहीं जून महीने में हुई लगातार बारिश से क्षतिग्रस्त होकर पुल में बड़ा बड़ा दरार आ गया था. जिसकी खबर कई समाचार पत्रों में आने और सभी पदाधिकारियों को जानकारी के बावजूद मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की गई. जिस कारण यह पुल पूरी तरह टूट गया. लोगों का कहना है कि उस वक्त अगर मरम्मत का काम कराया जाता तो आज ग्रामीणों को इस समस्या से जूझना नहीं पड़ता.

बता दें कि इस पुल के टूटने से गांव के स्कूल में आने वाले शिक्षक जो गांव से बाहर रहते हैं उन्हें काफी परेशानी होगी. साथ ही उच्च विद्यालय जाने वाले छात्र और छात्राओं के अलावे बीमार व्यक्ति और प्रसवग्रस्त महिलाओं को भी काफी परेशानी से गुजरना पड़ेगा.

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