बांकाः जिले में सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. शंभूगंज प्रखंड अंतर्गत विरनौधा पंचायत में मनरेगा सहित अन्य सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा करके सरकारी राशि गबन करने की बात सामने आई है. मामले में पंचायत के पूर्व मुखिया एवं तत्कालीन रोजगार सेवक पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है.
प्राथमिकी दर्ज कराने का दिया निर्देश
कुछ महीने पहले राज्य से आई टीम के सदस्यों ने पंचायत के कार्यों की गुणवत्ता जांच की थी. इसमें लाभुकों ने अनियमितता को लेकर शिकायत की थी. जांच टीम ने डीडीसी को फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया. इसके बाद डीडीसी ने मनरेगा पीओ को शंभूगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
फर्जी जॉब कार्ड के सहारे निकाल ली लाखों की राशि
दरअसल, 2010 में विरनौधा पंचायत के तत्कालीन मुखिया शांति देवी, तत्कालीन पीआरएस कुमार अजीत और सीएसपी संचालक गिरीश कुमार ने मिलिभगत कर क्षेत्र के लोगों का फर्जी जॉब कार्ड बनवाया. इसके साथ ही फर्जी कार्य दिवस दिखाकर फर्जी तरीके के लाखों की राशि की निकासी कर बंदरबाट कर लिया. सीएसपी संचालक गिरीश कुमार ने सभी लाभुकों का खाता खोल कर बड़ी चतुराई से फर्जी अंगुठे का निशान ले लिया और धीरे-धीरे राशि की निकासी कर ली. इसकी शिकायत सगुनी गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने डीएम से कर दी थी.
विकास कार्यों में बरती गई थी अनियमितता
लाभुकों ने बताया कि उन्हें जॉब कार्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हाल के दिनों में राज्य से आई टीम के सदस्यों ने पंचायत के कार्यों की गुणवत्ता की जांच की. शंभूगंज के मनरेगा पीओ संजीव कुमार ने बताया कि राज्यस्तरीय टीम ने विरनौधा पंचायत में किये गए विकास कार्यों की जांच की तो कार्य में अनियमितता बरती गई थी.
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सरकारी राशि का बंदरबांट
मनरेगा पीओ ने बताया कि ग्रामीणों ने जांच टीम के सदस्यों को राशि की बंदरबांट को लेकर शिकायत की थी. इसके बाद टीम के सदस्यों ने डीडीसी को प्राथमिकी दर्ज करवाने का निर्देश दिया. मनरेगा पीओ संजीव कुमार ने बताया कि मामला पूर्व का है. डीडीसी ने प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि मसला गंभीर है, इसलिए अपने स्तर से भी जांच कर रहे हैं. इसके बाद आरोपी पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी.