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बांका: महुआ चुनने के लिए जंगल में लगा दी गई आग, कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति

जंगली इलाके खासकर बेलहर, कटोरिया, चांदन के ऐसे क्षेत्र जहां महुआ के पेड़ अधिक हैं. वैसी जगहों पर पतझड़ में जमीन पर गिरे सूखे पत्ते को जलाने के लिए जंगलों में आग लगा दिया जाता है.

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Published : Apr 6, 2020, 4:07 PM IST

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बांका: जिले के जंगली क्षेत्रो में हर वर्ष की तरह इस साल भी महुआ का मौसम आते ही शरारती तत्वों द्वारा जंगल में आग लगाकर बड़ी संख्या में छोटे-छोटे पेड़ों को नष्ट करना शुरू कर दिया गया है. इसकी शुरुआत चांदन प्रखंड मुख्यालय के पांडेयडीह स्थित जंगलों से हो चुकी है.

रविवार से सोमवार तक बेंहगा पुल के पास पक्की सड़क के किनारे जंगलों में आग लगा दी गयी है. बताया जाता है कि महुआ चुनने के लिए सूखे पत्ते को जलाने को लेकर यह आग लगाई जाती है. जिससे सूखे हुए पत्ते जल जाए और महुआ चुनने में आसानी हो. इस आग से हजारों की संख्या में छोटे बड़े पेड़ जल कर बर्बाद रहे हैं.

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जंगल में लगी आग

दोषी पर मुकदमा करने का आदेश
जंगल में आग की खबर के बाद वनपाल अशोक झा द्वारा आग को बुझाने का काम शुरू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि महुआ के दिनों में सदा ही शरारती तत्वों द्वारा वनों में आग लगाया जाता है, लेकिन इस बार शुरू से ही इसकी रोकथाम की व्यवस्था के साथ दोषी पर मुकदमा करने का आदेश दिया गया है.

इन इलाकों में लगती है आग
यह आग मुख्यतः ऐसे क्षेत्रों में लगाई जाती है, जहां महुआ के पेड़ अधिक होते हैं. ग्रामीण को सूखे पत्ते से महुआ चुनने में परेशानी होती है, इसलिए महुआ के पेड़ के नीचे पत्तों में आग लगा ली जाती है. खासकर ऐसे क्षेत्र चांदन के नारीबारी, बघवा, गौरीपुर, जुगड़ी, घाघर, पारडीह, हदनी, कटोरिया के इनारावरण, देवासी, भोड़सार, के जंगलों में हर वर्ष आग लगाकर हजारों पेड़ बर्बाद किया जाता है.

बांका: जिले के जंगली क्षेत्रो में हर वर्ष की तरह इस साल भी महुआ का मौसम आते ही शरारती तत्वों द्वारा जंगल में आग लगाकर बड़ी संख्या में छोटे-छोटे पेड़ों को नष्ट करना शुरू कर दिया गया है. इसकी शुरुआत चांदन प्रखंड मुख्यालय के पांडेयडीह स्थित जंगलों से हो चुकी है.

रविवार से सोमवार तक बेंहगा पुल के पास पक्की सड़क के किनारे जंगलों में आग लगा दी गयी है. बताया जाता है कि महुआ चुनने के लिए सूखे पत्ते को जलाने को लेकर यह आग लगाई जाती है. जिससे सूखे हुए पत्ते जल जाए और महुआ चुनने में आसानी हो. इस आग से हजारों की संख्या में छोटे बड़े पेड़ जल कर बर्बाद रहे हैं.

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जंगल में लगी आग

दोषी पर मुकदमा करने का आदेश
जंगल में आग की खबर के बाद वनपाल अशोक झा द्वारा आग को बुझाने का काम शुरू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि महुआ के दिनों में सदा ही शरारती तत्वों द्वारा वनों में आग लगाया जाता है, लेकिन इस बार शुरू से ही इसकी रोकथाम की व्यवस्था के साथ दोषी पर मुकदमा करने का आदेश दिया गया है.

इन इलाकों में लगती है आग
यह आग मुख्यतः ऐसे क्षेत्रों में लगाई जाती है, जहां महुआ के पेड़ अधिक होते हैं. ग्रामीण को सूखे पत्ते से महुआ चुनने में परेशानी होती है, इसलिए महुआ के पेड़ के नीचे पत्तों में आग लगा ली जाती है. खासकर ऐसे क्षेत्र चांदन के नारीबारी, बघवा, गौरीपुर, जुगड़ी, घाघर, पारडीह, हदनी, कटोरिया के इनारावरण, देवासी, भोड़सार, के जंगलों में हर वर्ष आग लगाकर हजारों पेड़ बर्बाद किया जाता है.

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