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बांका: श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होने से धान की खेती में जुटे किसान - बांका में खेती करने में जुटे किसान

इस साल कोरोना महामारी के कारण श्रावणी मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इससे जिले के किसान काफी परेशान हैं. वो सभी मेले की उम्मीद टूटने के बाद धान की खेती करने में जुट गए हैं.

Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
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Published : Jul 10, 2020, 8:02 PM IST

बांका: जिले में कांवरिया पथ के किनारे बसे गांव के किसान श्रावणी मेले की उम्मीद टूटने के बाद धान की खेती करने लगे हैं. मानसून के आगमन के कारण किसान अपने अपने खेतों में धान रोपनी कर रहे हैं. वहीं कोरोना महामारी की वजह से सरकार की ओर से जारी प्रतिबंध के कारण इस बार सावन में किसी तरह के मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि कांवरिया पथ के किनारे के दर्जनों गांव के लोग सावन से पहले खेती के काम को निपटा कर मेले की तैयारी में जुट जाते थे. माना जाता है कि सावन में की गई कमाई से ये लोग साल भर का खर्चा चलाते थे. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा.

Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
धान की खेती करने में लगी हैं महिलाएं.

मक्का नहीं बिकने से किसान परेशान

बता दें कि इस साल मक्का की भी बिक्री नहीं होने से किसान परेशान हैं. कांवरिया पथ में मक्का की सबसे अधिक बिक्री गोड़ियारी नदी, आसाम धर्मशाला और इनारावरण जगह पर काफी होती थी. इससे किसान साल भर अपने घरों का खर्चा चलाते थे, लेकिन इस बार किसानों को अपना मक्का बाजारों में ही बेचना पड़ेगा.

Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
ऐसा होता था श्रावणी मेले का आयोजन.

बांका: जिले में कांवरिया पथ के किनारे बसे गांव के किसान श्रावणी मेले की उम्मीद टूटने के बाद धान की खेती करने लगे हैं. मानसून के आगमन के कारण किसान अपने अपने खेतों में धान रोपनी कर रहे हैं. वहीं कोरोना महामारी की वजह से सरकार की ओर से जारी प्रतिबंध के कारण इस बार सावन में किसी तरह के मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि कांवरिया पथ के किनारे के दर्जनों गांव के लोग सावन से पहले खेती के काम को निपटा कर मेले की तैयारी में जुट जाते थे. माना जाता है कि सावन में की गई कमाई से ये लोग साल भर का खर्चा चलाते थे. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा.

Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
धान की खेती करने में लगी हैं महिलाएं.

मक्का नहीं बिकने से किसान परेशान

बता दें कि इस साल मक्का की भी बिक्री नहीं होने से किसान परेशान हैं. कांवरिया पथ में मक्का की सबसे अधिक बिक्री गोड़ियारी नदी, आसाम धर्मशाला और इनारावरण जगह पर काफी होती थी. इससे किसान साल भर अपने घरों का खर्चा चलाते थे, लेकिन इस बार किसानों को अपना मक्का बाजारों में ही बेचना पड़ेगा.

Farmers engaged in paddy cultivation due to not organised of Shravani Mela
ऐसा होता था श्रावणी मेले का आयोजन.
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